BAREILLY: पीएम देश को न्यू इंडिया बनाने में लगे हैं, लेकिन अभी भी देश में अंधविश्वास जमकर पनप रहा है। अंधविश्वास में खुद की जान देने का चौंकाने वाला मामला सुभाषनगर में सामने आया है। ललिता देवी मंदिर नेकपुर में शख्स ने चाकू से खुद का ही गला काट लिया। शख्स का कहना है कि उसे माता ने दर्शन नहीं दिए थे। परिजनों ने उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

 

10 साल से कर रहा था पूजा-पाठ

ब्8 वर्षीय, रामकुमार, पचौमी भगवानपुर का रहने वाला है। वह देहरादून में प्राइवेट जॉब करता है। उसके परिवार में पत्‌नी सोमवती, तीन बेटे धीरज, धीरेंद्र, अनमोल, पुष्पा और पिंकी हैं। वह क्0 वर्ष से शेरो वाली मां की पूजा करता है। सैटरडे को वह देहरादून से घर वापस लौटा था। उसके साथ में पत्‌नी और बेटा अनमोल भी था। रात में ट्रेन लेट होने की वजह से वह पत्‌नी के साथ नेकपुर में ललिता देवी मंदिर में गया। रात में वह मंदिर के बाहर ही रुका।

 

फूल चढ़ाने गया मंदिर में

पत्‌नी सोमवती ने बताया कि सुबह स्नान करने के बाद पूजा करने के लिए मंदिर में गया। वह अपने साथ फूल लेकर गया था। मंदिर में फूल चढ़ाने के बाद उसने अचानक अपना गला काट लिया और छटपटाने लगा। आसपास के लोगों ने देखा तो शोर मचाया। उसके बाद उसे पुजारी ने अन्य लोगों की मदद से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया।

 

हाथ से लिखी दर्शन न देने की बात

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट रामकुमार से जब पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया तो वह बोल तो नहीं पा रहा था लेकिन उसने पेन और कागज की डिमांड की। लिखकर बताया कि माता ने दर्शन नहीं दिया। उसकी पत्‌नी भी कह रही है कि वह अक्सर कहते थे कि माता एक दिन उसे जरूर दर्शन देंगी। वह घर के अंदर कमरे में भी देवी की फोटो लगाकर पूजा करते थे। उन पर देवी माता आती भी थीं।

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