मन्नान का बगावती तेवर वाला वीडियो वायरल

-सफेद टी-शर्ट पहने दिखा मन्नान, अंग्रेजी में दे रहा जवाब

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख : हिजबुल के साथ जुड़कर आतंकी बने एएमयू के निष्कासित छात्र मन्नान बशीर वानी का एक वीडियो सामने आया है। इसमें उसके उग्र और बगावती तेवर दिख रहे हैं। सफेद टी-शर्ट पहने मन्नान अंग्रेजी में सवालों का जवाब दे रहा है। यह सवाल किसने और कहां पर पूछे हैं, यह नहीं मालूम। सुरक्षा एजेंसियां इस वीडियो के जरिये भी उस तक पहुंचने की कोशिश में हैं। सवाल पूछने वाले का पता लगाने की कोशिश हो रही है। वीडियो में कुछ इस तरह से सवाल जवाब हुए हैं।

हमारे लिये लड़ने वाले नेता चाहिये

हमें यह देखना होगा कि एएमयू क्यों बना, इसके पीछे का उद्देश्य क्या था? यह जानने के लिए नेशनल लेवेल तक सोचना होगा। मुझे ऐसा लगता है कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिससे पॉलिटिक्स में मुस्लिम लीडरशिप को बढ़ाया जा सकेगा। इस वक्त चंद मुस्लिम नेता हैं, जो कम्युनिटी के लिए काम कर पा रहे हैं। कम्युनिटी में सोशल चेंज तो हो रहा है, लेकिन पॉलिटिकल चेंज नहीं आ रहा है। पैरेलल एजुकेशन भी चेंज होना चाहिए। दुर्भाग्य से पिछले 12-13 सालों में हमारी कम्युनिटी को बहुत नुकसान हुआ है। अल्पसंख्यकों के लिए पॉलिटिकल प्रयास उतने नहीं किए गए, जितने होने चाहिए। एजुकेशनल लीडरशिप की भी बहुत जरूरत है, जो साथ-साथ चल सकें। वाकई हमारे लिए मुद्दों को उठा सकें, लड़ सकें।

एिएमयू का कोई ओपिनियन निकल कर नहीं आता?

आज जिस तरह दलितों की चर्चा हो रही है, वैसी ही मुस्लिम पर होनी चाहिए। सच्चाई यह है कि एएमयू में जैसी चर्चा होनी चाहिए, वो नहीं हो पा रही है, क्योंकि यहां जो चुनाव होते हैं वो आइडियोलॉजी को लेकर नहीं होते हैं। जैसे जेएनयू में कम्युनिटी के बजाय मुद्दों पर गु्रप बनते हैं। उन्हीं पर चुनाव होते हैं। वही स्टूडेंटस चुनाव लड़ते हैं। दुर्भाग्य से हमें वो माहौल नहीं मिल पाता है। हमें खुद सोचना होगा कि अल्पसंख्यक यहां कुछ ऐसा नहीं बना सकती हैं कि वो बड़ा बदलाव ला सके। कश्मीर को ही देखें तो हम कह सकते हैं कि हमारा कोई खास रोल नहीं है, क्योंकि हमारे पास वो लीडरशिप नहीं है।