PATNA: सोमवार को विधानसभा में बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2018 रखा जाएगा। इसे देखते हुए यह निश्चित हो गया है कि शराबबंदी कानून में बदलाव होगा। विधेयक के अनुसार शराब खरीदने-बेचने, लाने-जाने या बनाने के आरोप में पहली बार पकड़े जाने पर पांच वर्ष से कम की कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना होगा। दूसरी बार पकड़े गए तो पूर्व के अपराधों को भी देखा जाएगा। दस वर्ष के कठोर कारावास से कम तथा पांच लाख रुपए से कम जुर्माना नहीं होगा। शराब पीते अगर पहली बार पकड़े गए तो 50 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की जेल होगी। शराब पीकर इसके बाद पकड़ाने पर एक साल से कम की जेल की सजा नहीं होगी।

मकान मालिक नहीं बनेंगे आरोपी

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 के तहत अभी तक परिसर का आशय भूमि तथा भवन, भंडारघर, दुकान, होटल, रेस्तरां, बार व बूथ आदि है। इसमें जलयान, बेड़ा, वाहन तथा किसी भी तरह की अन्य चल संरचना को भी शामिल कर लिया गया है। किसी परिसर या वाहन को किराए पर देने या किसी अन्य को उपयोग के लिए देने के बाद अगर उस वाहन या परिसर में शराबबंदी कानून के उल्लंघन का कोई मामला सामने आता है, तो अब मालिक को सीधे आरोपित नहीं किया जाएगा, लेकिन उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा।

नकली शराब मामले में उम्रकैद

नकली शराब के विनिर्माण, विक्रय, भंडारण, वितरण एवं आयात-निर्यात में पकड़े जाने पर दस वर्षो से अधिक की सजा होगी। इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकेगा। जुर्माना एक लाख से कम नहीं होगा और उसे दस लाख रुपए तक बढ़ाया जा सकेगा।

कोर्ट ने किया था हस्तक्षेप

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में कुछ आवश्यक बदलाव का फैसला किया था। बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2018 सोमवार को सदन में पेश किया जाएगा।

मानसून सत्र के पहले दिन पेश हुआ अनुपूरक बजट

विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार को आरंभ हो गया। पहले दिन वित्तीय वर्ष 2018-19 के आय-व्यय से संबंधित प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी उप मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने पेश किया। प्रथम अनुपूरक पेश होने के बाद दिवंगत सांसदों व विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई। विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। कुल पांच बैठकें होंगी। वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरण में प्रस्तावित राशि 19,771.42 करोड़ रुपए है। वार्षिक योजना मद में 5,849.98 करोड़ रुपए, स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 13,916.39 करोड़ रुपए, केंद्रीय क्षेत्र स्कीम मद में 5.08 करोड़ रुपए है।