RANCHI : बीआई के रडार पर झारखंड के भी कई बैंक ऑफिसर्स हैं। खासकर वैसे नेशनलाइज्ड बैंक जिनके एनपीए के मामले ज्यादा आ रहे हैं, उनके मैनेजर और लोन डिपार्टमेंट अफसरों पर जांच एजेंसी नजर रख रही है। यह मामला सीएनटी जमीन पर लोन देकर करोड़ों के गोरखधंधे को अंजाम देने का है। कई बैंकों के कुछ अधिकारी सीएनटी के दायरे में आनेवाली जमीन के एवज में लोन देकर करोड़ों रुपयों का गोरखधंधा कर रहे हैं। बैंक अधिकारियों और निजी व्यक्तियों ने आपस में सांठगांठ कर बैंकों को चूना लगाने के नायाब तरीके को अंजाम दिया है।

फर्जी दस्तावेज से लोन

जमीन के फ र्जी दस्तावेज तैयार कर बैंकों से लोन लिये जा रहे हैं और लोन लेने के बाद किश्त नहीं चुकायी जाती है। जब लोन एकाउंट एनपीए हो जाता है और मोर्गेज जमीन की नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ होती है तो जिला प्रशासन उस पर रोक लगा देता है। बैंकों को बताया जाता है कि इस जमीन की नीलामी नहीं की जा सकती है, क्योंकि यह सीएनटी के दायरे वाली जमीन है।

बैंक आखिर कैसे दे देती है एनओसी

बैंकों के लोन इश्यू करने से पूर्व बैंक का लीगल डिपार्टमेंट सारे दस्तावेजों की जांच करता है और उनके द्वारा एनओसी दिए जाने के बाद ही लोन निर्गत किया जाता है। इस कार्य के लिए कई बैंकों ने चर्चित अधिवक्ताओं को बाकायदा नियुक्त किया है। इन अधिवक्ताओं के द्वारा दस्तावेजों की जांच के बाद लीगल रिपोर्ट दी जाती है जिसके आधार पर लोन इश्यू किया जाता है।

बैंक अफसरों की मिलीभगत के मिले प्रमाण

छानबीन में यह बात सामने आ रही है कि इस तरह के मामले में लोन लेने वाले लोगों के साथ बैंक अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका है। बैंक अधिकारियों के द्वारा लोन लेने वाले आवेदकों के कागजातों को पुख्ता करने की सारी कवायद की जाती है। बैंक के जो भी नियम कानून हैं उसके अनुसार कागजात बनाए जाते हैं।

30 लाख का बैंक को लगा दिया चूना

पंजाब नेशनल बैंक की जमशेदपुर स्थित बिष्टुपुर शाखा से चंदन घोष नामक एक व्यक्ति ने 30.72 लाख रुपये का हाउसिंग लोन लिया। बाद में किश्त नहीं चुकाने के चलते उनका खाता एनपीए हो गया। जब जमीन के दस्तावेज की गहनता से जांच की गयी तो पता चला कि जिस जमीन को मोर्गेज कर चंदन घोष ने हाउसिंग लोन लिया था वह सीएनटी एक्ट के दायरे में आती है। उसकी खरीद.बिक्री नहीं की जा सकती है। सीबीआई ने इस मामले में चंदन घोष समेत पीएनबी के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ कांड संख्या.आरसी.093/2018 दर्ज कर लिया है।

वर्जन

लोन के मामलों की जांच चल रही है। लोन लेने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इनवेस्टीगेशन चल रहा है जल्द ही दोषी दबोचे जाएंगे।

देवेन्द्र सिंह

एसपी, इओडब्लू