- बीतने को है साल लेकिन कई क्राइम केसेज में अब तक नहीं पकड़े गए गुनहगार

- हत्या-लूट व कई अन्य मामलों की तफ्तीश अब तक फाइलों में है दबी पड़ी

-क्राइम ब्रांच से लेकर स्पेशल पुलिस टीम भी नहीं सुलझा सकी कई केसेज की गुत्थी

 

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VARANASI :
मुठभेड़ में नंबर वन बनने वाली बनारस पुलिस असल में जीरो है। अक्सर ही एनकाउंटर में बदमाशों को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपवाने वाला क्राइम ब्रांच भी शहर में हुई कई बड़ी घटनाओं की तफ्तीश में फेल ही साबित हुआ है। साल का कैलेंडर बदलने को है लेकिन हत्या, लूट, रंगदारी, छिनैती, अपहरण और आईटी एक्ट के कई मामलों की मिस्ट्री आज तक नहीं सुलझी। इन मामलों के गुनहगार बनारस पुलिस की पकड़ से दूर ही हैं। शासन के प्रेशर से भले ही जेएचवी कांड का खुलासा और नेपाली युवतियों की बरामदगी हो गई। लेकिन कई मामलों में जांच अब तक जारी है।

Case file-1

24 जनवरी 2018 में मंडुवाडीह थाना एरिया के दवा गोदाम से लाखों की चोरी का मामला सामने आया था। इस घटना की गूंज सीएम योगी आदित्यनाथ दरबार तक पहुंची थी जिसके बाद पुलिस सहित क्राइम ब्रांच की टीम ने कमान संभाली लेकिन घटना में शामिल चोरों को आज तक नहीं पकड़ सकी। तब से अब तक रिजल्ट सिर्फ तफ्तीश, सुरागकशी व साक्ष्य संकलन तक ही सीमित है।

 

Case file-2

आठ अप्रैल 2018 को कैंट थाना एरिया में मनी एक्सचेंज कर्मी शैलेंद्र को बाइक सवार बदमाशों ने दिनदहाड़े असलहा सटाकर आठ लाख रुपये लूट लिए थे। लूट की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस सहित क्राइम ब्रांच तक को लगाया गया लेकिन आज तक मामला नहीं खुला। साल का अंत होने जा रहा है लेकिन बदमाश पकड़े नहीं जा सके।


Case file-3

एक अक्टूबर 2018 को रोहनिया थाना क्षेत्र के कचनार स्थित एक इंटरमीडिएट कॉलेज में दिव्यांग चौकीदार सुभाषचंद्र पटेल (45 वर्ष) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज व फर्नीचर में आग लगा दी गई थी। मरूई गांव निवासी सुभाषचंद्र की हुई हत्या की मिस्ट्री आज तक नहीं सुलझ सकी है। जबकि फोरेंसिक टीम सहित क्राइम ब्रांच ने खूब पड़ताल की थी।

 

Case file-4

10 अक्टूबर 2018 को बीएचयू की लैब अटेंडेंट विद्या प्रजापति के एसबीआई एकाउंट से 50 हजार रुपये उड़ा दिए गए थे। ट्रांजेक्शन गाजियाबाद में शो हुआ था। भुक्तभोगी ने लंका थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई लेकिन खुलासा आज तक नहीं हुआ। इसी तरह आईटी एक्ट के तहत एक दर्जन से अधिक मामले क्राइम ब्रांच के पास लंबित पड़े हुए हैं।

 

Case file-5

25 अक्टूबर 2018 को चेतगंज थाना एरिया के जगतगंज इलाके में साइबर कैफे संचालक सतीश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के करीबी सतीश राय के हत्यारों को दबोचने के लिए क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम भी लगाई गई थी लेकिन हत्यारे अब तक गिरफ्त से दूर हैं। केस में कार्रवाई तो छोडि़ए बल्कि फाइल भी बंद कर दी गई है।


Case file-6

जनवरी 2018 में लापता हुए गौराकलां गांव निवासी आदर्श गुप्ता का आज तक पता नहीं चला। तफ्तीश में जुटी क्राइम ब्रांच भी अब थक-हार गई है। छिनैती, अपरहरण और रंगदारी से जुड़े कई मामले में भी क्राइम ब्रांच के पास अब तक लंबित ही पड़े हुए हैं।

 

कितने मामले हैं लंबित

 

50

से ज्यादा गंभीर मामले क्राइम ब्रांच में

30

से अधिक आईटी एक्ट के मुकदमे

05

हत्या के मामले भी क्राइम ब्रांच के पास

02

रंगदारी के मामले क्राइम ब्रांच के पास

15

के लगभग धोखाधड़ी व कूटरचना के मामल अलग से

 

 

गंभीर से गंभीर मामलों का वर्कआउट हुआ है। जगतगंज हत्याकांड मामले में कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। परिजनों ने जो भी साक्ष्य दिए सबकी पड़ताल कराई गई है, बहुत जल्द ही पुलिस नतीजे पर पहुंचेगी।

आनंद कुलकर्णी, एसएसपी