-रात में चलने वाली ज्यादातर ट्रेनें हुई लेट

-ट्रैक पर पेड़ गिरने, तार टूटने से आई प्रॉब्लम

GORAKHPUR: बुधवार रात आई आंधी-पानी ने ट्रेन की रफ्तार रोक दी। पहले से ही विलंब से चल रही रेलगाडि़यों में सवार पैंसेजर्स मौसम के आगे पस्त हो गए। गोरखपुर-देवरिया रूट पर कुसम्ही और सरदारनगर में तार गिरने से रेल गाडि़यों को जहां-तहां खड़ा करना पड़ा। आंधी में ट्रैक पर गिरे पेड़ों को हटाने में चार घंटे से ज्यादा रेल संचलन प्रभ्ावित रहा।

पेड़ गिरने से टूट गए बिजली के तार

रात करीब 10 बजे के बाद आई तेज आंधी से एनई रेलवे के वाराणसी मंडल रेल खंड पर ज्यादा क्षति पहुंची। कुसम्ही और सरदार नगर रेल खंड पर कई जगह पेड़ गिर गए। पेड़ों के गिरने से बिजली के तार भी टूट गए। तार टूटने की सूचना पर रेलवे ने कई रेल गाडि़यों का संचलन रोक दिया। जगह-जगह रेल गाडि़यां खड़ी कर दी गई। आपातकाल को भांपकर रेलवे के इंजीनियर और कर्मचारी व्यवस्था बहाल करने की कोशिश में जुट गए। बिजली के तारों को ठीक करने में घंटों का समय गुजर गया।

चार घंटे जहां-तहां रुकी रही रेल गाडि़यां

आंधी-पानी में तार टूटने से रेल गाडि़यों को जहां-तहां खड़ा करना पड़ा। रात में 12 बजे से लेकर तीन बजकर 30 मिनट तक ज्यादातर रेल गाडि़यां खड़ी रहीं। साढ़े तीन बजे के बाद जब रेलवे लाइन साफ हुई तो धीरे-धीरे संचलन शुरू कराया गया। गोरखपुर से चलकर कानपुर जाने वाली चौरीचौरा एक्सप्रेस को रात में साढ़े तीन बजे के रवाना किया जा सका। अवध आसाम एक्सप्रेस सुबह चार बजे के बाद पहुंची। वाराणसी से चलकर लखनऊ जाने वाली कृषक एक्सप्रेस रास्ते में रूकी रही। रात में 10 बजकर 45 मिनट के बजाय ट्रेन सुबह गोरखपुर जंक्शन पर आई। गोरखपुर से रवाना होने वाली गोरखपुर लोकमान्य तिलक दादर एक्सप्रेस एक घंटे से ज्यादा की देरी से चली। गोरखपुर से हटिया मौर्य एक्सप्रेस तीन घंटे के विलंब से चली।

वर्जन

रेलवे ट्रैक पर पेड़ और तार गिरने से कई रेलगाडि़यों का संचलन प्रभावित हुआ। इससे कई रेलगाडि़यां अपने निर्धारित समय पर नहीं चल सकीं। रेलवे कर्मचारी रात भर ट्रैक को साफ करने में जुटे रहे। ट्रेनों को कंट्रोल करके चलाया गया।

संजय यादव, सीपीआरओ, एनईआर