8 सेंटर बनाए गए राजधानी में

98 प्रतिशत ने दिया एग्जाम

2 शिफ्ट में कराया गया एग्जाम

10 जून को आएगा रिजल्ट

- पहली बार जेईई एडवांस का पेपर ऑनलाइन हुआ

- स्टूडेंट्स ने ओवरऑल पेपर को बताया आसान

LUCKNOW :

आईआईटी व एनआईआईटी में एडमिशन के लिए संडे को हुए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई एडवांस-2017) में हजारों स्टूडेंट्स शामिल हुए। इस बार जेईई मेंस पहली बार ऑनलाइन पैटर्न पर कराया गया। एग्जाम में जहां पहली शिफ्ट में मैथ्स के सवालों ने स्टूडेंट्स के पसीने छुड़ाए, वहीं दूसरी शिफ्ट के पेपर में फिजिक्स के प्रश्नों ने भी हैरान कर दिया। वहीं जेईई मेंस की तरह इसमें भी केमिस्ट्री ने राहत दी। हालांकि स्टूडेंट्स के अनुसार ओवरऑल पेपर आसान था।

मैथ्स में सब उलझे

एग्जाम देने आए सत्यम ने बताया कि फिजिक्स में मैकेनिक्स ऑपटिक्स से सवाल ज्यादा आए। साथ ही न्यूमैरिकल भी ज्यादा पूछे गए। जिन्हें सॉल्व करने में समय लगा। शुभांग पांडेय ने बताया कि बीते साल के मुकाबले फिजिक्स और केमिस्ट्री आसान रही। जिससे काफी टाइम बचा। मैथ्स के सवालों का कैलकुलेशन काफी लंबा था।

98 प्रतिशत ने दिया एग्जाम

राजधानी में जेईई एग्जाम के लिए आठ सेंटर्स बनाए गये थे। जहां पर करीब चार हजार स्टूडेंट्स को एग्जाम में शामिल होना था। इसमें से लगभग 98 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया। एग्जाम दो पालियों में हुआ। जेईई मेंस का पेपर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड में होता है जबकि एडवांस का पेपर सिर्फ ऑफलाइन मोड में कराया गया। दोनों ही पेपर में कुल 54-54 सवाल पूछे गए जो 180 मा‌र्क्स के थे।

10 जून को रिजल्ट

जेईई मेंस का पेपर सीबीएसई ने कराया था जबकि एडवांस का पेपर आईआईटी की ओर से कराया जाता है। इस बार आईआईटी मद्रास ने यह पेपर कराया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक 11 जून को सुबह दस बजे एडवांस का रिजल्ट घोषित किया जाएगा। इसके बाद काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।

बाक्स

एडवांस का आगे का शेड्यूल

29 मई - जारी होगी आंसर की

30 मई - आंसर की पर भेज सकते हैं आपत्ति

10 जून - रिजल्ट घोषित किया जाएगा

19 जून से- सीट अलॉटमेंट प्रस्तावित

बढ़ेगी कट ऑफ

रूबिक्स रोस्ट्रम कोचिंग के डायरेक्टर इं। आदित्य कुमार ने बताया कि जेईई एडवांस में दो लाख 20 हजार कैंडीडेट्स शामिल हुए। जिसमें एक लाख जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स आईईटी की 55 सौ सीटों के लिए दावेदारी पेश करेंगे। मौजूदा समय में देश के 23 आईआईटी संस्थान में कुल 11032 सीटें मौजूद हैं। आदित्य कुमार ने बताया कि पहली शिफ्ट के पेपर में स्टूडेंट्स को कुछ सवालों में अपनी कॉन्सेप्ट और एनॉलिटिकल स्किल दिखानी थी। अगर इस सेट के पूरे पेपर की बात करें तो पेपर ओवरऑल काफी अच्छा आया था। वहीं सेकंड शिफ्ट में आयोजित पेपर काफी आसान रहा। इसकी वजह से इस बार कट ऑफ थोड़ा हाई रहने की उम्मीद है।

स्टूडेंट्स से बातचीत

इस बार मैथ्स का पेपर कठिन था। सवाल काफी लम्बे थे। इनको करने में समय लग रहा था। वहीं फिजिक्स का पेपर ठीक ठाक रहा तो केमेस्ट्री के सवाल आसान लगे। केमेस्ट्री में फॉर्मूला आधारित सवाल अधिक थे।

- शुभांग पांडेय

इस बार पेपर का पैटर्न पिछली बार के मुकाबले थोड़ा बदला हुआ था। एक पेपर में मल्टीपल च्वाइस के प्रश्न अधिक थे। इस बार मैथ्स के पार्ट में सवाल काफी टफ थे जिन्हें हल करने में समय लग गया।

- अस्तिव

मुझे फिजिक्स का सेक्शन आसान लगा। इसमें मैकेनिक्स ऑपटिक्स से सवाल ज्यादा आए थे। साथ ही न्यूमैरिकल सवाल की संख्या भी ज्यादा थी, जिनको हल करने में समय लग रहा था। वहीं मैथ्स कठिन लगी।

- अनिक्स कुमार

मैथ्स और फिजिक्स के मुकाबले केमिस्ट्री के सवाल आसान रहे। ऑर्गेनिक में रिएक्शन कम्पाउंड और केमिस्ट्री में थर्मोडायनामिक्स से सवाल आए थे जो काफी आसान थे। वहीं मैथ्स के सवाल सवाल काफी लम्बे थे।

- उत्कर्ष गुप्ता

ओवर ऑल पेपर पिछले साल की तुलना में काफी आसान रहा है। अगर मैथ्स को छोड़ दिया जाएं तो फिजिक्स का पार्ट उम्मीद से ज्यादा आसान रहा है।

- आयुष सिंह