- बंगला बचाने को पूर्व मुख्यमंत्री बना रहे नये-नये बहाने

- मायावती के घर पर कांशीराम यादगार गेस्ट हाउस का बोर्ड लगा

- अखिलेश ने मांगी बंगला खाली करने को दो साल की मोहलत

LUCKNOW :

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री आसानी से अपना सरकारी बंगला छोड़ने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपना बंगला बचाने के लिए कवायद करने के साथ सुरक्षा की दलीलें दे मोहलत मांगनी शुरू कर दी है। मामला पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव से जुड़ा है। मायावती के माल एवेन्यू स्थित बंगले के बाहर सोमवार सुबह लोग 'श्री कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल' का बोर्ड लगा देख आश्चर्य में पड़ गये तो इसके कुछ पलों के बाद ही अखिलेश यादव द्वारा राज्य संपत्ति अधिकारी को भेजा गया बंगला खाली करने का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

ट्रस्ट बनाकर कब्जा बरकरार रखने की कवायद

मायावती के 13ए, मॉल एवेन्यू स्थित बंगले पर लगे इस बोर्ड को लेकर चर्चाओं का बाजार भी गर्म होने लगा है। माना जा रहा है कि यह ट्रस्ट बनाकर बंगले पर कब्जा बरकरार रखने की कवायद है। ध्यान रहे कि यह बंगला मायावती ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान बनवाया था। इसमें आसपास के दो बंगलों को भी शामिल कर लिया गया था। इसके बाद बंगले के रिनोवेशन का सिलसिला शुरू हुआ। पत्थर के बनाए गये इस महलनुमा बंगले में करोड़ों रुपये के पत्थर के हाथी लगाए गये। चर्चा है कि इसके रेनोवेशन पर करीब करोड़ों रुपये खर्च हुए थे। शायद यही वजह है कि इस बंगले का मोह छोड़ पाना बसपा सुप्रीमो के लिए आसान नहीं है। हालांकि चर्चा है कि मायावती अपना बंगला छोड़कर नौ, मॉल एवेन्यू स्थित अपने पुराने आवास में शिफ्ट हो सकती हैं, हालांकि इसकी पार्टी की ओर से पुष्टि नहीं की गयी है।

अखिलेश ने दो साल की मांगी मोहलत

वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपना बंगला बचाने के लिए फिर कोशिश की। उन्होंने राज्य संपत्ति अधिकारी को भेजे अपने पत्र में जेड प्लस सिक्योरिटी और एनएसजी सिक्योरिटी कवर का हवाला देते हुए बंगला खाली करने के लिए दो साल की मोहलत मांगी है। सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन की वजह से अखिलेश यादव को मोहलत दे पाना फिलहाल किसी अफसर के बस की बात नहीं है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इस बाबत क्या रुख अपनाती है।

मुलायम भी दे चुके हैं प्रस्ताव

ध्यान रहे कि अखिलेश से पहले पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी बंगला बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल चुके हैं। उन्होंने अपना और अखिलेश का बंगला विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन के नाम आवंटित करने का फॉर्मूला भी सुझाया था लेकिन इसके अगले दिन ही राज्य संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस भेजकर साफ कर दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन कराएगी। इसके बाद मुलायम ने अपने लिए दूसरा घर तलाशने की कवायद भी शुरू कर दी।

राजनाथ भी जल्द करेंगे शिफ्ट

पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के विपुल खंड स्थित आवास पर रंगाई पुताई का काम जारी है। चार, कालिदास मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास से धीरे-धीरे सामान भी शिफ्ट किया जा रहा है। चर्चा है कि राजनाथ आगामी 29 मई को बड़ा मंगल के अवसर पर पूरी तरह अपने निजी आवास में शिफ्ट हो जाएंगे और सरकारी आवास वापस कर देंगे। ध्यान रहे कि बतौर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पास दिल्ली में सरकारी आवास भी है।