फरवरी से शुरू हुई नीलामी प्रक्रिया अभी तक नहीं सकी संपन्न

अब प्रॉपर्टी के लिए करा सकेंगे 30 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन

Meerut। विभिन्न आवासीय योजनाओं में प्राधिकरण को खाली पड़े फ्लैट और विलाज के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं। आलम यह है कि फरवरी 2018 से शुरू हुई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ा दी गई है। अब प्रॉपर्टी के लिए 30 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। एमडीए सचिव राजकुमार ने कहाकि एक बार फिर प्राधिकरण ने विभिन्न योजनाओं में फ्लैट्स और विलाज की बिक्री के लिए पंजीकरण की तिथि को बढ़ा दिया है। अब 30 नवंबर तक पंजीकरण करा सकेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आवंटन शुरू होगा।

नहीं दिख रही रुचि

मेरठ विकास प्राधिकरण की विभिन्न आवासीय योजनाओं में दुर्बल आय वर्ग, अल्प आय वर्ग, मध्यम आर्य वर्ग और उच्च आय वर्ग की श्रेणी में विलाज बिक्री के लिए तैयार हैं। करीब 1200 फ्लैट्स और विलाज की बिक्री के लिए प्राधिकरण ने 4 फरवरी से रजिस्ट्रेशन आरंभ किया था। शहर के विभिन्न हिस्सों में बने इन फ्लैट्स के लिए लोगों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो वहीं अंतिम तिथि को 4 मार्च से बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया था। आलम यह है कि तब से नवंबर माह तक प्राधिकरण लगातार नई विज्ञप्ति जारी कर अंतिम तिथि को बढ़ा रहा है और खरीदार है कि एमडीए की चौखट तक आ ही नहीं रहा। इतना ही नहीं एमडीए पूर्व में कई बार आवासीय कॉलोनियों में कैंप लगाकर भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चलाई किंतु सफलता नहीं मिली।

यहां हैं खाली फ्लैट्स

एमडीए द्वारा निर्मित फ्लैट प्राधिकरण की गंगानगर योजना, पल्लवपुरम फेस 1 और 2, लोहियानगर योजना, श्रद्धापुरी फेस 1 और 2, रक्षाग्रीन योजना (रक्षापुरम), एयरपोर्ट एनक्लेव योजना में स्थित हैं। प्राधिकरण ने एक बार फिर रजिस्ट्रेशन की डेट को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया है। एमडीए सचिव ने बताया कि विभिन्न आवासीय योजना में रजिस्ट्रेशन को बढ़ाने के लिए प्राधिकरण स्तर पर अधिकारियों को योजना में कैंप लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

यह है वजह

एमडीए की आवासीय योजनाओं में वाजिब दरों पर फ्लैट्स की नीलामी हो रही है बाद इसके खरीदार नहीं मिल रहा है, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह रीयल एस्टेट में मंदी है। जानकारों की मानें तो अब प्रॉपर्टी में कोई इनवेस्टमेंट नहीं कर रहा है। जानकारों का यह भी कहना है की एमडीए यथास्थिति में फ्लैट्स की बिक्री कर रहा है जबकि ज्यादातर योजनाओं में फ्लैट्स की फिनिशिंग नहीं हो सकी है तो वहीं वाह्य विकास कार्य भी आधे-अधूरे हैं। हालांकि एमडीए ने अब इन स्कीमों में वाह्य विकास कार्यो को जल्द पूरा कराने का फैसला लिया है।