निर्माण कार्यो की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद ही हो सकेगा भुगतान

ठेकेदार भी विरोध में, भुगतान न होने तक नहीं करेंगे काम

Meerut। दूध का जला छाछ फूंक-फूंककर पीने की स्थिति मेरठ विकास प्राधिकरण में हो रही है। एमडीए वीसी साहब सिंह ने पिछली सरकार के दौरान हुए विकास कार्यो के भुगतान की फाइल रोक रखी है। ठेकेदारों के दबाव के बाद वीसी ने विकास कार्यो की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए कमेटी बना दी है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही निर्माण कार्यो का भुगतान होगा।

नहीं किया भुगतान

साइकिल ट्रैक में हुए वॉयर घोटाले के बाद पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए भुगतान पर रोक लगी है। यह काम विभिन्न आवासीय ईकाइयों में सड़क आदि निर्माण के हैं। कुछ छोटे-मोटे कार्य हैं तो कुछ तत्कालीन सरकार की प्राथमिकता में शामिल ग्रीन यूपी-क्लीन यूपी जैसी योजनाओं के कार्य हैं। वॉयर घोटाले का दाग ढो रहे प्राधिकरण ने पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यो के भुगतान पर रोक लगा दी है। हालांकि ठेकेदार वीसी समेत अधिकारियों पर भुगतान को लेकर दबाव बना रहे हैं।

जांच के बाद होगा भुगतान

इस संबंध में एमडीए वीसी ने स्पष्ट कर दिया कि बिना जांच के किसी भी निर्माण कार्य का भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि उन्होंने एक कमेटी का गठन भी किया है जो विभिन्न निर्माण कार्यो की फाइलों को खंगालने के साथ-साथ मौका मुआयना करेगी। वहीं लंबे समय से भुगतान न होने के ठेकेदारों में असंतोष है। आलम यह है कि गत दिनों एमडीए ने करीब एक दर्जन छोटे-बड़े विकास कार्यो के लिए टेंडर निकाले थे। इस टेंडर्स को लेकर ठेकेदारों ने रुचि नहीं ली तो वहीं प्राधिकरण के अफसर ठेकेदारों का मान-मुनव्वल कर रहे हैं।

---

इनसेट

सड़क क्षतिग्रस्त होने पर बैठी जांच

मेरठ: मेवला फ्लाईओवर से नूरनगर पुलिया तक सड़क का निर्माण बीते दिनों एमडीए ने कराया था। सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। हालांकि यह सड़क एमडीए के कोटे में नहीं है इसलिए न इसे दोबारा एमडीए बना रहा है न नगर निगम। वहीं दूसरी ओर चीफ इंजीनियर दुर्गेश श्रीवास्तव ने सड़क क्षतिग्रस्त होने पर संबंधित जोन के प्रभारी को जांच कर ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

निर्माण कार्यो की गुणवत्ता का परीक्षण होने के बाद ही भुगतान किया जाएगा। इसके लिए कमेटी बना दी है, रिपोर्ट आते ही भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी।

साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए