- राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स का हंगामा, पूरा कॉलेज उतरा विरोध में

- 450 स्टूडेंट्स ने दिया धरना, इंटरनल एग्जाम का किया बहिष्कार, पहले दिन नहीं हुआ एग्जाम

- सप्लीमेंटरी एग्जाम में 42 स्टूडेंट्स को जानबूझकर फेल करने का आरोप

देहरादून,

प्रैक्टिकल में कम अंक होने की वजह से फेल एमबीबीएस सेकंड बैच के 42 स्टूडेंट्स के समर्थन में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के तीनों बैच के 450 स्टूडेंट्स ने मंगलवार से इंटरनल एग्जाम और क्लास का बहिष्कार शुरू कर दिया है। स्टूडेंट्स सोमवार रात से कॉलेज में धरना दे रहे हैं, जो मंगलवार को भी जारी रहा। मंगलवार को कॉलेज के इंटरनल एग्जाम्स का भी स्टूडेंट्स ने बहिष्कार कर दिया। इधर मामले की पड़ताल के लिए यूनिवर्सिटी स्तर पर 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठित की गई है। कमेटी 29 दिसंबर तक मामले की जांच रिपोर्ट देगी।

इंटरनल एग्जाम का बहिष्कार

मंगलवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के तीनों बैच के 450 स्टूडेंट्स के एक साथ क्लास और इंटरनल एग्जाम का बहिष्कार करने से कॉलेज में हड़कंप मच गया। सभी स्टूडेंट्स धरने पर बैठ गए, यह खबर सुन उनके परिजन भी कॉलेज पहुंच गए। स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रबंधन और एग्जामिनर्स के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा। नवीन थपलियाल स्टूडेंट्स से वार्ता करने पहुंचे, लेकिन स्टूडेंट्स ने न्याय न मिलने तक एग्जाम का बहिष्कार जारी रखने की वार्निग दी। एचएनबी गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पहुंचे अफसरों की भी उन्होंने एक न सुनी। स्टूडेंट्स के विरोध को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जो 29 दिसंबर तक मामले में अपनी रिपोर्ट देगी।

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यह है मामला

जुलाई-अगस्त में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस दूसरे बैच के एनाटॉमी एग्जाम में 150 में से 52 स्टूडेंट्स फेल हो गए थे। नवंबर में सप्लीमेंटरी एग्जाम कराया गया, जिसका सोमवार को रिजल्ट जारी हुआ। थ्योरी में स्टूडेंट्स के अच्छे अंक हैं, जबकि प्रैक्टिकल में कम अंक होने की वजह से 42 स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं। धरना दे रहे स्टूडेंट्स ने बताया कि थ्योरी में अधिकांश स्टूडेंट्स के 140 में से 85 से 90 तक अंक हैं, लेकिन प्रैक्टिकल में जानबूझकर पैनल ने उन्हें 60 में से 29-30 नंबर दिए। पास होने को 30 अंक जरूरी हैं। इस वजह से 52 में से केवल 10 ही पास हो सके। स्टूडेंट्स का आरोप है कि एचओडी की शह पर पांच सदस्यीय पैनल ने उन्हें कम अंक दिए। स्टूडेंट्स ने हर बार एग्जाम में इस तरह की समस्या सामने आने से सोमवार देर शाम से कॉलेज परिसर में धरना शुरू कर दिया था।

5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित

चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ। आशुतोष सयाना की अध्यक्षता में मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। एचएनबी मेडिकल विवि के रजिस्ट्रार प्रो। विजय जुयाल ने बताया कि कमेटी में निदेशक, वे स्वयं और तीनों मेडिकल कॉलेजेज के प्रिंसिपल शामिल हैं। 29 दिसंबर तक कमेटी मामले की जांच कर फैसला देगी।