- सफर में बीमार पड़ने पर देनी होगी सौ रुपए फीस

- रेलवे ने ट्रेन में उपचार का शुल्क कर दिया महंगा

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GORAKHPUR: ट्रेन में सफर के दौरान तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर को कॉल करना महंगा पड़ेगा। उपचार के लिए डॉक्टर को बुलाने पर पांच गुना फीस चुकानी होगी। रेलवे ने ट्रेन में डॉक्टर की सलाह का शुल्क पांच गुना बढ़ा दिया है। रेलवे से जुड़े लोगों का कहना है कि अभी तक महज 20 रुपए शुल्क लिया जाता था। कम शुल्क होने से डॉक्टर पैसे नहीं मांगते जिससे लोगों को लगता था कि फ्री में सुविधा दी जाती थी। मंगलवार को शुरू हुई व्यवस्था को लेकर विरोध के स्वर भी उठने शुरू हो गए हैं।

 

20 का मामूली शुल्क नहीं लेता था रेलवे

यात्रा के दौरान ट्रेन में तबियत खराब होने पर रेलवे की ओर से उपचार मुहैया कराया जाता है। ट्रेन या रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर पेंशेट्स को डॉक्टर आसानी से देख लेते थे। डॉक्टर की फीस रेलवे नहीं लेता था। इसलिए लोगों को लगता था कि मुफ्त में सेवा मिल रही है। रेलवे से जुड़े लोगों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने काफी पहले 20 रुपए का शुल्क तय किया था। तभी से व्यवस्था चल रही आ रही है। लेकिन रेलवे बोर्ड ने डॉक्टर की फीस बढ़ाने का फैसला लिया। बोर्ड की ओर से रेलवे के जीएम को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दे दी गई है।

 

पांच गुना बढ़ाई फीस

ट्रेनों में बीमार पड़ने से अक्सर पेंशेट्स को उपचार की जरूरत पड़ती है। समय से इलाज न होने पर मरीज की जान चली जाती है। इसलिए रेलवे में स्थाई रूप से मेडिकल सुविधा की मांग चल रही है। हालांकि इस सुविधा को बढ़ाने पर रेलवे ने कोई जोर नहीं दिया। अलबत्ता, रेलवे में डॉक्टर की फीस ही बढ़ा दी गई। रेलवे में डॉक्टर की फीस बढ़ाने से उन मरीजों को नुकसान उठाना पड़ेगा जो जनरल या स्लीपर क्लास में सफर करते हैं। यात्रा के दौरान ज्यादातर प्रॉब्लम जनरल कोच में आती है। बोगी में ठूंसे होने से पैसेंजर्स को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गोरखपुर जंक्शन पर महीने में तीन से चार ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें पैसेंजर्स को उपचार की जरूरत पड़ती है।