- आरटीओ ऑफिस के फिटनेस ग्राउंड के बाहर दिखा नजारा

LUCKNOW: स्कूली वैन के चालक और संचालक प्रवर्तन दस्ते की आंखों में धूल झोंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। हाल यह है कि वह एक अग्निशमन यंत्र और एक ही मेडिकल किट के भरोसे कई-कई स्कूली वाहनों की फिटनेस हासिल कर रहे हैं। वहीं आरटीओ अधिकारी भी सब कुछ जानकर अंजान बने हुए हैं।

नहीं पहुंचे मिशनरीज स्कूल के वाहन

आरटीओ ऑफिस के फिटनेस ग्राउंड में आठ जुलाई और 15 जुलाई को स्कूली वाहनों के फिटनेस के लिए कैंप आयोजित किया गया था। कैंप में जहां एक ओर मिशनरीज स्कूल के वाहन पहुंचे ही नहीं वहीं दूसरी ओर जो वाहन पहुंचे भी वह अधिकारियों की आंख में धूल झोंकते नजर आए।

ऐसे किया जा रहा था खेल

आरटीओ ऑफिस से फिटनेस लेकर जैसे ही कोई स्कूली वैन बाहर निकलती, वैसे ही बाहर फिटनेस चेक कराने के लिए खड़े वैन चालक, संचालक उसकी वैन से अग्निशमन यंत्र और मेडिकल किट निकाल लेते। उसे अपनी गाड़ी में लगाने के बाद फिटनेस के लिए ग्राउंड पर पहुंच जाते और उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता। यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा।

वाहनों की स्पीड एक होनी चाहिये

फिटनेस के दौरान कई वाहनों पर लिखे मोबाइल पर कॉल की गई, लेकिन फोन नहीं उठा। ऐसे में चालकों ने बताया कि मोबाइल खराब हो गए है, बनने के लिए दिया गया है। जल्द ही यह काम करने लगेगा। मानकों के अनुसार सभी स्कूली वाहनों की गति एक होनी चाहिए थी। इसके लिए स्पीड लिमिट अधिकतम 55 निर्धारित की गई है, लेकिन वाहनों में कोई लिमिट डिवाइस नहीं दिखी। इसके बाद भी सर्टिफिकेट दिया जा रहा था। स्कूली वाहन चालक का लाइसेंस कम से कम पांच साल पुराना होना चाहिए, लेकिन किसी भी चालक का लाइसेंस चेक नहीं किया गया।

कोट

अधिकांश वाहनों में फ‌र्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र नहीं थे। तुरंत उसे मंगवाकर वाहनों में इंस्टॉल किये गये। यहां से तो उन्होंने दूसरों से मांग कर फिटनेस ले ली है, लेकिन दोबारा जांच में इनके वाहन में यह उपकरण नहीं मिले तो एक्शन लिया जाएगा।

संजीव गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन

स्कूली वाहनों में लिखे जिन चालकों के नंबर नहीं उठे हैं, उन्हें सही नंबर लिखने के आदेश दिये गये हैं। वाहनों की स्पीड निर्धारित है, लेकिन उनमें स्पीड लिमिट डिवाइस नहीं लगी है। जल्द ही इसके लिए व्यवस्था शुरू होगी।

आरपी सिंह

आरआई, फिटनेस ग्राउंड

यह है नियम

आरसी, एफसी वैधता, आईसी वैधता, परमिट वैधता, डीएल (5 साल पुराना), टैक्स, नो लिकेज सर्टिफिकेट, रेट्रो रिफलेक्टर टेप, वाहन का रंग पीला, वाहन के साइड में स्कूल का नाम और फोन नंबर, चालक के गेट पर चालक का नाम, डीएल और वैधता, वाहन स्कूल के नाम या जहां के बच्चों को ढो रहा है उसका नाम, स्कूली वाहनों के बाहर स्कूल ऑन ड्यूटी लिखा होना अनिवार्य, वाहन में इमरजेंसी गेट, वाहनों के पीछे- सावधान बच्चे हैं लिखा होना अनिवार्य, नंबर प्लेट स्पष्ट होनी चाहिए। वाहन के पायदान की ऊंचाई एक फिट से अधिक ना हो, वाहनों में बनी सीट के पास बनी खिड़की में ग्रिल और चैनल लगे हो, स्कूली बसों और वैन की अधिकतम उम्र 15 साल, ब्लैक फिल्म, चालक की वर्दी, सीट बेल्ट, फ‌र्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, प्रेशर हॉर्न का प्रयोग नहीं होना चाहिए, बैग के लिए जगह, बोतल टांगने के लिए क्लिप, स्पीड गवर्नर, सीटों की दशा, जीपीएस सिस्टम लगा होना चाहिए