1978 में मिली कामयाबी
न्यूजर्सी स्थित लिविंगस्टन हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री के लिए अय्यादुराई ने ईमेल सिस्टम पर अपना काम शुरू किया था. इस काम में उन्हें 1978 में कामयाबी मिली और पूरी तरह इंटरआफिस मेल सिसटम विकसित किया. इसे उन्होंने 'ई-मेल' नाम दिया और 1982 में कॉपीराइट कराया. हफिंग्टन पोस्ट की रिपार्ट के अनुसार, उस समय कॉपीराइट पेटेंट के ही समान था क्योंकि साफ्टवेयर के आविष्कार की सुरक्षा के लिए कोई दूसरा तरीका नहीं था. अय्यादुराई ने अपने काम के आधार पर 1981 में हाईस्कूल सीनियरों के लिए वेस्टिंहाउस साइंस टैलेंट सर्च अवार्ड जीता था. 'ई-मेल' के लिए मिला आधिकारिक अमेरिकी नोटिस अब स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन नेशनल म्यूजियम ऑफ अमेरिकी हिस्ट्री (एसआइएनएमएएच) के पास है. हालांकि आविष्कार के लिए अय्यादुराई के दावे ने कंप्यूटर तकनीक के इतिहास में विवादों को जन्म दिया क्योंकि दूसरे लोगों भी ईमेल का आविष्कार करने का दावा करते रहे हैं.

वेब मेल की शुरूआत

दुनिया के पहली वेबमेल सेवाओं में से एक हॉटमेल की शुरुआत 1996 में की गई थी. इसे कैलिफोर्निया में भारतीय मूल के सबीर भाटिया और जैक स्मिथ ने शुरू किया था. उस समय इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में यह तुरंत लोकप्रिय हो गया था. लेकिन 2004 में जब जीमेल गीगाबाइट के साथ अस्तित्व में आया तो गूगल की ओर हवा बहने लगी. 1997 में माइक्रोसॉफ्ट ने 40 करोड़ डॉलर में हॉटमेल का अधिग्रहण किया और एमएसएन हॉटमेल लांच किया.

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