PATNA : राज्य में मनरेगा का काम कछुआ चाल से चल रहा है। पिछले दो सालों में मनरेगा का दस फीसदी काम पूरा नहीं हुआ है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने राज्य में मनरेगा योजनाओं की धीमी गति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की योजनाओं की पूर्णता का प्रतिशत बहुत ही कम है। योजनाओं के लंबित रहने के कारण इसकी उपयोगिता एवं सार्थकता घट जाती है। राष्ट्रीय स्तर पर पूर्णता प्रतिशत 91.37 है, जबकि राज्य में इन दो वर्षो की 10 प्रतिशत योजनाओं को भी पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण की योजनाएं लंबी अवधि के लिए होती है, इसके कारण पूर्णता का प्रतिशत कम है। फिर भी हम बहुत पीछे हैं और इसमें सुधार लाने की आवश्यकता है।

काम देने में सभी जिले पिछड़े

शुक्रवार को बापू सभागार में मनरेगा पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को मनरेगा के साथ अभिसरण से मानव दिवस सृजन में कई जिले पिछड़ रहे हैं। वैसे गया के मानपुर एवं पश्चिम चंपारण के बेतिया प्रखंड ने इस दिशा में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि समय पर मजदूरी के भुगतान पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रदेश में समय पर 87 प्रतिशत को मजदूरी का भुगतान हुआ है। मंत्री ने कहा कि 8,338 तालाब एवं 7,857 वर्मी कम्पोस्ट की योजनाओं पर काम चल रहा है। इस वर्ष प्रदेश में 42 लाख पौधे लगाए गए हैं।