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JAMSHEDPUR: शुक्रवार मानगो स्थित ओल्ड पुरुलिया रोड नंबर 19 स्थित किड्स नेशनल स्कूल कैंपस में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'मिलेयिल्स स्पीक' के तहत 'राजनीटी' का आयोजन किया. इसमें युवाओं ने 'बेरोजगारी कम करने में सरकार कितनी रही कामयाब, क्या यह चुनावी मुद्दा रहेगा ' अपनी बेबाक राय रखी. चर्चा के दौरान मिलेनियल्स ने कहा बेरोजगारी तो बढ़ी है, इसमे दोराय नहीं है, पर सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए कई कार्य किए हैं. कई योजनाएं शुरू की गईं. स्किल इंडिया तहत कई लोगो को प्रशिक्षण देकर सरकार रोजगार मुहैया करा रही है. इससे शहर तथा देश के लाखों युवाओं को फायदा मिला है. मिलेनियल्स ने कहा कि झारखंड सरकार ने भी लोगों को रोजगार देने में कई प्रयास किए हैं. आने वाली सरकार से यही उम्मीद रहेगी कि बेरोजगारी खत्म हो तथा लोगों को रोजगार मिले. चर्चा को आगे बढ़ाते हुए युवाओं ने कहा कि बेरोजगारी सिर्फ वर्तमान सरकार विफलता नहीं है. यह पिछली सरकारों की गलत नीतियों की वजह से भी है. इसके कारण आज लोगो रोजगार नही मिल रहा है. मिलेनियल्स ने कहा कि सरकार ने लोगों को रोजगार देने के लिए सबसे ज्यादा प्रयास किए, वो चाहे किसी प्राइवेट कंपनी में रोजगार हो या फिर स्व-रोजगार. सभी के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई जा रही हैं. कहा कि आने वाली सरकार से यही उम्मीद रहेगी की वह लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए और तेज कार्य करे. युवाओं ने कहा आज शहर में ही इतनी कंपनियां होने के बावजूद भी लोग रोजगार के लिए बाहर पलायन कर रहे हैं, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है.

बेरोजगारी हो दूर
युवाओं ने कहा कि बेरोजगारी खत्म करने के लिए राज्य तथा केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से कई काम किए हैं. लोगों को रोजगार मिले इसके लिए कई योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही है, फिर भी बेरोजगारी समस्या है, इसमें कोई दोराय नहीं है. बेरोजगारी खत्म करने के लिए सरकार को विधिवत तरीके से काम करना होगा.

रोजगार देने के वायदे फैल
चर्चा के दौरान कुछ मिलेनियल्स ने सरकार को कटघरे में भी खड़ा किया. उनका कहना था कि जब केंद्र सरकार बनी थी तो रोजगार देने के कई वादे किए गए थे, लेकिन धरातल पर कुछ विशेष नजर नहीं आया. आज भी बेरोजगारी वैसी की वैसी ही है. एक ही पार्टी की केंद्र तथा राज्य में सरकार है, पर बेरोजगारी दूर करने के लिए दोनों सरकारों ने कुछ नहीं किया है. कुछ मिलेनियल्स ने कहा कि जब राज्य में सरकार बनी थी तो सीएम ने कहा था, केबल कंपनी खोल दिया जाएगा, जिससे शहर में बेरोजगार लोगो के साथ नए युवाओं नौकरी दी जाएगी. पर कार्य काल खत्म होने को है सरकार बेरोजगारी खत्म करने में नाकाम नजर आ रही है. सीएम के विधानसभा क्षेत्र में लोगों को जब रोजगार मुहैया नहीं करवाया गया, तो दूसरे इलाकों का क्या हाल होगा.

कल्लू शुक्ला ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में झारखंड में 307 कंपनियां बंद हो गईं. लोग भुखमरी के कगार पर हैं, आखिर एक गरीब युवा करे तो फिर क्या?

कर रहे पलायन

कहा राज्य से जिस तरह से युवा पलायन कर रहे हैं. मजदूरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है. मनरेगा में भी लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. ठेका मजदूरों को भी शहर की कंपनियों में बड़ी मुश्किल से काम मिल रहा है. सरकार दो करोड़ रोजगार देने की बात करती है, पर जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है. अगर हम शहर की बात करे को शहर में कई प्लांट बंद कर दिए गए है. सरकार को पहले उसे खुलवाना चाहिए. टायो कंपनी तथा केबुल कंपनी को भी सरकार को खुलवाना था, उसे नहीं खुलवा पाई.

पॉपुलेशन पर हो कंट्रोल

मिलेनिल्स ने कहा कि बेरोजगारी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण जनसंख्या का बढ़ना है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ने के अनुपात में रोजगार सृजन का काम नहीं हो रहा है. ऐसे में लोगों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन उस हिसाब से रोजगार के साधन विकसित नहीं हो रहे हैं. ऐसे में स्वभाविक है कि राज्य व देश में बरोजगारी बढ़ेगी.

मेरी बात
आज शहर में ही इतनी कंपनियां होने के बावजूद भी लोग रोजगार के लिए बाहर पलायन कर रहे हों. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. शहर की कंपनियां सेफ्टी के नाम पर युवाओं को काम नहीं दे रही हैं. सेफ्टी कार्ड बनाने के लिए युवा भाग-दौड़कर रहे हैं. बेरोजगारी खत्म करने के लिए राज्य तथा केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से कई काम किए हैं. बेराजगारी दूर करने के लिए सरकार की ओर से योजनाएं चलाई जा रही हैं, फिर भी बेरोजगारी समस्या है. बेरोजगारी खत्म करने के लिए सरकार को विधिवत तरीके से काम करना होगा.

मो हुजैफा आलम

कड़क मुद्दा
बेरोजगारी तो बढ़ी है, इसमे दोराय नहीं है, लेकिन सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए कई कार्य भी किए हैं, कई योजनाएं शुरू की गई हैं. स्किल इंडिया तहत कई लोगों को प्रशिक्षण देकर कर सरकार रोजगार मुहैया करा रही है. इससे करोड़ो युवाओं को फायदा मिला है. झारखंड सरकार ने भी लोगों को रोजगार देने के लिए कई प्रयास किए. आने वाली सरकार से यही उम्मीद है कि वह बेरोजगारी खत्म करे.

मंजर हाशमी

बेरोजगारी सिर्फ वर्तमान सरकार ही नहीं पिछली सरकारों की विफलता की वजह से है. वर्तमान सरकार ने लोगों को प्राइवेट या फिर स्वरोजगार देने के लिए काफी प्रयास किया. इसके लिए विभिन्न योजनाएं बनाई जा रही हैं. आने वाली सरकार से यही उम्मीद है कि वह लोगों को रोजगार मुहैया कराए.

फराज अख्तर

जब केंद्र सरकार बनी थी तो रोजगार देने के कई वायदे किए गए थे, लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आया. आज भी बेरोजगारी वैसी की वैसी ही है. एक ही पार्टी की केंद्र तथा राज्य में सरकार है, पर बेरोजगारी के लिए दोनों सरकारों ने कुछ खास नहीं किया.

इम्तियाज खान

जिस तरह से युवा अपने शहर से पलायन कर रहे हैं, इससे रोजगार की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है. मनरेगा में भी लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. ठेकेदार मजदूरों को भी शहर के कंपनियों में काम नहीं मिल रहा है. सरकार न दो करोड़ रोजगार देने की बात करती है, पर जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है.

आसिफ अहमद

पहले की सरकार की अपेक्षा वर्तमान सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए काफी काम किया है. सरकार की ओर से शुरू की गई कई योजनाओं की वजह से ही आज कुछ हद तक बेरोजगारी कम हुई है, लेकिन बेरोजगारी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण जनसंख्या का बढ़ना है.

शाकिब महबूब

आज सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है. यह बात सरकार तक पहुंचाने का अभी ही समय है. हमें अपने वोट की ताकत को समझना चाहिए. वोट ही सरकार को जवाब दिया जा सकता है. अगर हम शहर, राज्य और देश से बेरोजगारी दूर करना चाहते हैं तो हमें जागना पड़ेगा और तथा एक प्रबल जनप्रतिनिधि चुनना पड़ेगा.

आतीर फजल

रोजगार के लिए लोग राज्य से पलायन कर रहे हैं. मजदूरों की स्थिति भी ठीक नहीं है. मजदूरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है. मनरेगा में भी लोगो को रोजगार नहीं मिल रहा है. ठेकेदार-मजदूरों को भी शहर की कंपनियों में काम नहीं मिल रहा है.

मोहम्मद इरफान

बिल्कुल इस चुनाव में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा रहेगा. जिस तरह दिन प्रतिदिन बेरोजगारी दर बढ़ रही, उससे देश के युवा वर्ग आहत है. इसका असर चुनाव में दिखेगा. आज शहर के युवा नौकरी के लिए पलायन कर रहे हैं.

फुरखान अहमद

सरकार दो करोड़ रोजगार देने की बात करती है, पर जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है. अगर हम शहर की बात करें तो यहां कई प्लांट बंद कर दिए गए हैं. सरकार को पहले उसे खुलवाना चाहिए. टायो कंपनी को भी सरकार को खुलवाना था, पर ऐसा नहीं हो पाया

मोहम्मद शहीद

स्किल डेवलपमेंट के तहत युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन वेतन कम होने की वजह से लोग जीविका भी ठीक से नहीं चला पा रहे हैं. रोजगार मेले के नाम पर शहर में कई कंपनियां आ रही है, पर रोजगार के नाम ठगने का कार्य कर रही है.

आशिक खान

इस चुनाव मुद्दा तो बेरोजगारी सबसे ज्यादा रहेगी, रोजगार के नाम पर राज्य तथा केंद्र सरकार दोनों ने ठगने का कार्य किया है. काफी प्रयास के बावजूद में मैं पिछले तीन साल से बेरोजगार हूं. पढ़ा लिखा होने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है. मेरे जैसे कितने युवा नौकरी के लिए तरस रहे हैं.

सेफुल्लाह अंसारी