बच्चों के स्पेशल केयर करने को कहा

देहरादून।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या ने दून अस्पताल पहुंच नवजात बच्चों के बारे में जानकारी ली साथ ही हॉस्पिटल के स्टाफ से बच्चों की स्पेशल केयर करने को कहा। इसके साथ ही बच्चों को गोद लेने पहुंचे दपंत्तियों से कारा के थ्रू एप्लाई करने की बात कही। सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब मंत्री रेखा आर्या से नवजात के बारे में बात की तो वह मामले से अंजान थीं, मंत्री से दून महिला चिकित्सालय जाने की बात कही गई तो उन्होंने मामले में रुचि दिखाई और वह अस्पताल पहुंच गईं। यहां उन्होंने बच्चों की स्थिति देखी और डॉक्टर्स से कहा कि बच्चे कमजोर हैं तो उनकी स्पेशल केयर की जाए। आर्या ने बताया कि बच्चे प्री-मैच्योर नहीं है। थोड़े कमजोर जरूर हैं जो कि समय के साथ ठीक हो जाएंगे।

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बेटियों हैं अनमोल

रेखा आर्या ने बताया कि इस दौरान उनसे एक ऐसे व्यक्ति ने बेटा गोद मांगा जिसकी पहले से तीन बेटियां हैं। मंत्री ने उन्हें बोला कि बेटियां अनमोल हैं, उन्हीं का लालन-पालन अच्छे से करिए।

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साथ गोद दिए जाएंगे जुड़वा बच्चे

जुड़वा बच्चों को गोद लेने के लिए लोगों की लाइन लगी हुई है। कोई बेटे को तो कोई बेटी को गोद लेना चाहता है। वहीं प्रोसेस के अनुसार जुड़वा बच्चे अलग-अलग गोद नहीं दिए जा सकते।

ऐसे कर सकते हैं एप्लाई

बच्चा गोद लेने के लिए किसी भी दंपत्ति को सबसे पहले सेंट्रल एडॉप्शन रिसॉर्स अथॉरिटी (कारा) में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वहीं दूसरी ओर जिला प्रोबेशन कार्यालय की ओर से बच्चे की फोटो और डिटेल कारा की साइट पर अपलोड की जाएगी। इसके बाद सेंट्रल लेवल से ही बच्चे के पैरेंटस चुने जाएंगे। बच्चा देने का मेन आधार होगा सीनियरिटी। यानी जिसका आवेदन सबसे ऊपर होगा, उसको ही कंसीडर किया जाएगा लेकिन उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सही होनी चाहिए। इसके साथ ही बच्चों की और दंपत्ति की एज का एवरेज भी देखा जाएगा।

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यदि गोद दिए जाने वाले बच्चे भाई-बहन हैं तो उनको एक ही जगह देना होगा। दो महीने के बच्चे को ही गोद दिया जा सकता है। ऐसे में दंपत्ति को रुकना होगा। पैरेंटस पहले कारा में एनरोलमेंट करवाएंगे। कारा ही पैरेंटस से बच्चों का मिलान करेगी। गोद देने से पहले पैरेंटस की आर्थिक स्थिति देखी जाएगी, डॉक्यूमेंट चेक किए जाएंगे और होम स्टडी रिपोर्ट बनेगी, इसके लिए कोई भी लोकल सोशल वर्कर उन लोगों के घर जाएगा। सीनियरिटी के आधार पर ही बच्चा गोद दिया जा सकेगा।

- मीना बिष्ट, जिला प्रोबेशन अधिकारी