-आरयू में चल रहे सम्मेलन में बोले प्रोफेसरों ने रखे अपने विचार

-वर्तमान में चल रहे दो वर्षीय बीएड कोर्स को बंद न किया जाए

बरेली :

आरयू के बीएड डिपार्टमेंट में चल रहे आईएईटी के 52वें एनुअल फंक्शन में संडे को चीफ गेस्ट एनसीटीई की अध्यक्ष डॉ। सतबीर बेदी रहीं। शिक्षक शिक्षा पर चिंता व्यक्ति करते हुए उन्होंने कहा कि पढ़ाई और प्रैक्टिस में अच्छे सुधार के लिए सेल्फ कान्फिडेंस का प्रयास करें। वार्षिक सम्मेलन का संडे शाम को समापन हो गया।

विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा

आईएटीई की 52वीं वार्षिक सम्मेलन शिक्षा विभाग में तीसरे दिन सुबह को दीप जलाने के साथ शुरू हुआ। सम्मेलन के निदेशक प्रो। एनएन पाण्डेय और सम्मेलन के संयोजक प्रो। बीआर कुकरेती ने तीन दिवसीय सम्मेलन की रिपोर्ट पेश की। सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश से प्रो। मनोज कुमार सक्सेना, अमरकंटक से प्रो। संध्या गिहार और बरेली के डॉ। आरके सिंह ने अपने विचार एक दूसरे से साझा किए। प्रो। घंटा रमेश ने कहा कि ्रशासन एवं शिक्षण संस्थानों के बीच मेलजोल रहे। डॉ। बेदी ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन सरकारी व पब्लिक विद्यालय में अंतर समाप्त करने, जन शिक्षा सामन्य शिक्षा को सदृढ़ बनने आदि विचारों को सबके सामने रखा।

आरयू के वीसी प्रो। अनिल शुक्ल ने शिक्षा को सहयोगी बनाने को कहा। साथ ही शिक्षकों एवं छात्रों के बीच दूरी को भी समाप्त करने की बात कही। समापन सत्र में प्रो। अनीता त्यागी, प्रो। अमिता बाजपेई, प्रो। तृप्ता त्रिवेदी, प्रो। सरोज पाण्डेय और प्रो। राधा दुआ आदि रहीं।