- सीबीआई को जांच में पता चला कि तीसरे भाई और भाभी के नाम पर भी हुए थे खदानों के पट्टे

- काली कमाई का पता लगाने के लिए परिवार के सदस्यों के बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा

KANPUR : हमीरपुर के अवैध खनन के 'खेल' में एमएलसी रमेश मिश्रा का तीसरा भाई और भाभी भी फंस सकती है। सीबीआई को जांच में पता चला कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने जिनके नाम पर नियम विरुद्ध खदानों के पट्टे किए थे, उसमें एमएलसी के तीसरे भाई और भाभी का नाम भी है। बताया जा रहा है कि एमएलसी की तीसरा भाई गांव में रहता है। अब सीबीआई पट्टे के आधार पर एमएलसी के तीसरे भाई और भाभी को भी आरोपी बना सकती है। सीबीआई को यह भी पता चला है कि एमएलसी ने परिवार के अन्य लोगों के जरिए अवैध खनन की काली कमाई को व्हाइट मनी में तब्दील किया है। इसके चलते सीबीआई अब एमएलसी रमेश मिश्रा के साथ ही उनके परिवार वालों के बैंक खातों में हुए ट्रांजेक्शन का पता लगा रही है।

जमीन में खपाई काली कमाई

सीबीआई को अवैध खनन के खेल में एमएलसी के जिस तीसरे भाई पर शक है। उसका नाम राकेश मिश्रा है। मिश्रा परिवार के पास गांव में भी काफी जमीन है। राकेश जमीन का सारा काम देखता है। खनन की काली कमाई जमीन खरीदने में भी खपाई जाती थी। सीबीआई को जांच में पता चला कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक दिन में 13 खंड (एक खंड में कई खदाने होती हैं) के पट्टे किए थे। इसमें एमएलसी रमेश मिश्रा के साथ उनके भाई राकेश, दिनेश और दिनेश की पत्नी मालती के नाम पर भी पट्टा हुआ था। इससे सीबीआई का मानना है कि एमएलसी रमेश मिश्रा के परिवार के ज्यादातर सदस्य अवैध खनन में शामिल थे। जिसका पता लगाने के लिए अब सीबीआई एमएलसी के पूरे परिवार की कुंडली खंगालने में जुटी है।

चार मुनीम भी शक के घेरे में

सीबीआई करीब एक साल से अवैध खनन की जांच कर रही है। इस दौरान सीबीआई ने एमएलसी रमेश मिश्रा के चार मुनीम से भी पूछताछ की थी। सीबीआई को शक है कि एमएलसी ने चारों मुनीम के नाम पर बेनामी प्रापर्टी बनाई है, इसलिए सीबीआई चारों मुनीम की प्रापर्टी के बारे में भी पता लगा रही है। साथ ही चारों मुनीम के बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है, ताकि यह पता चल सके कि चारों के पास किन-किन खातों में पैसा रहा और उन लोगों ने किन खातों में पैसा ट्रांसफर किया।

दोतरफा 'कमाई' कर रहा था वो

सीबीआई को जांच में पता चला है कि एमएलसी रमेश मिश्रा और उनके भाई अवैध खनन में दोतरफा काली कमाई कर रहे थे। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक दिन में जो 13 पट्टे किए थे। उसमें एमएलसी रमेश मिश्रा के ही सबसे ज्यादा पट्टे थे। इन पट्टों से वह भाइयों के साथ भुलसी, पतौरा, चंदवारी, बुरौली समेत छह खदान चला रहा था। सिंडिकेट हेड होने की वजह से उसकी खदानों से रॉयल्टी नहीं वसूली जाती थी। वह दूसरों की खदानों से रॉयल्टी वसूली कर मंत्री से लेकर अफसरों तक उनका कट (हिस्सा) पहुंचाता था। इस तरह एमएलसी ने दोतरफा काली कमाई की थी।

20 साल से हो रहा अवैध खनन

सीबीआई अभी सपा सरकार में हुए अवैध खनन की पड़ताल कर रही है, लेकिन सीबीआई को जांच में 20 साल पहले से अवैध खनन होने का पता चला है। सूत्रों के मुताबिक यह अवैध खनन सूबे की सरकार की शह पर होता था। जिस पार्टी की सूबे में सरकार होती थी। उस पार्टी का नेता सिंडिकेट चलाता था और उसकी शह पर अन्य खनन माफिया अवैध खनन कराते थे। फिलहाल सीबीआई पूर्व सपा सरकार में हुए अवैध खनन पर जांच कर रही है।