- डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हॉस्पिटल, एक ओपीडी में देखते हैं चार गुना मरीज

- कागजों पर भरे हैं पद लेकिन हकीकत में अवकाश पर चल रहे डॉक्टर

- बंद पड़ी हैं स्वास्थ्य सुविधाएं, नही मिल रहा मरीजों को फायदा

ALLAHABAD: आजादी के सात दशक बाद भी मरीज बीमार हेल्थ सिस्टम से आजाद नही हो पाए हैं। हॉस्पिटल हैं लेकिन डॉक्टर नहीं। कही दवाएं नदारद हैं तो कहीं जांच की मशीन खराब पड़ी है। सुविधाओं के अभाव में गांव के मरीजों को शहर आना पड़ता है। कुल मिलाकर हेल्थ सिस्टम के हालात अच्छे नही है। मौजूद मेडिकल सुविधाएं मरीजों की संख्या के मुकाबले नाकाफी साबित हो रही हैं।

महीनों से बंद पड़ी हैं सीटी स्कैन

मार्केट में सीटी स्कैन जांच कराने की कीमत पांच से छह हजार रुपए है। वहीं सरकारी हॉस्पिटल में महज पांच सौ रुपए होती है। बता दें कि वर्तमान में बेली हॉस्पिटल में पिछले दो माह से यह मशीन खराब पड़ी है जिसे बनवाया नही जा सका। इसके चलते गरीब और मजबूर मरीजों को प्राइवेट सेक्टर में जांच करानी पड़ रही है।

फंस गए गवर्नमेंट के करोड़ों रुपए

प्रदेश सरकार ने पिछले साल करोड़ों रुपए खर्च कर एसआरएन हॉस्पिटल में एमआरआई जांच मशीन लगवाई थी। जो अभी तक प्रॉपर वर्किंग नही कर पर पा रही है। इसका कारण रेडियोलॉजी विभाग में परमानेंट फैकल्टी नही होना है। इसके अलावा मशीन को आपरेट करने वाले स्टाफ की भी कमी है। जिसकी वजह से दिक्कत पेश आ रही हैं।

कब भरे जाएंगे खाली पद

स्वास्थ्य विभाग के पास डॉक्टरों के कुल 236 पद हैं और यह सभी लगभग भरे हैं। लेकिन इनमें से 31 पद हकीकत में खाली हैं क्योंकि संबंधित डॉक्टर अवकाश लेकर पीजी डिग्री हासिल करने गए हैं। इसी तरह एमएलएन मेडिकल कॉलेज में सृजित कुल 201 पदों में 20 खाली हैं और 45 पदों पर संविदा के जरिए डॉक्टरों की भर्ती की गई है।

बीमार हेल्थ सिस्टम के कारण

- मानक के अनुरूप ओपीडी में केवल 45 मरीज देख सकते हैं लेकिन वर्तमान में एक डॉक्टर दो सौ मरीज देख रहा है।

- एक मरीज को औसतन दो मिनट का समय भी नही मिल पाता है।

- एमएलएन मेडिकल कॉलेज में ओपीडी मरीजों को पर्याप्त दवाएं उपलब्ध नही हो पा रही हैं।

- शहर में केवल एक ट्रामा सेंटर है जो प्रॉपरली वर्क नही कर पा रहा है।

- शहर से लेकर रूरल तक मौजूद सरकारी हॉस्पिटल्स में इलाज की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध नही हैं।

इन बीमारियों का उपलब्ध नही शहर में प्रॉपर इलाज

- किडनी, लीवर, हार्ट, कैंसर, पेट आदि।

आंकड़े खुद बयां कर रहे सच्चाई

स्वास्थ्य विभाग के पास कुल डॉक्टरों के भरे पद- 236

खाली पड़े पद- 31

एमएलएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के कुल पद- 201

संविदा के जरिए भरे गए पद- 45

रिक्त पड़े कुल पद- 20

इन सुविधाओं की है दरकार

- हाई क्वालिटी ट्रामा सेंटर।

- अति आधुनिक कैंसर व हार्ट ट्रीटमेंट हॉस्पिटल।

- एमआरआई व सीटी स्कैन जांच मशीन।

- बीपी, डायबिटीज, किडनी, लीवर, कैंसर आदि रोगों की दवाओं की उपलब्धता।

- रूरल एरियाज में टेली मेडिसिन सेंटर।

पुरानी सीटी स्कैन मशीन जर्जर अवस्था में है। नव निर्मित ट्रामा सेंटर में उसकी जगह नई मशीन मंगाई जा रही है। जो जल्द मरीजों की जांच के लिए उपलब्ध होगी।

डॉ। एमके अखौरी, प्रभारी सीएमएस, बेली हॉस्पिटल

जो पद खाली पड़े हैं उन विभागों में इंटरव्यू आर्गनाइज कराकर नए डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। ओपीडी में मरीजों को इलाज की उपलब्धता कराई जा रही है।

प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज