परिवार के लिए छोड़ दिया लाखों का पैकेज

शादी के बाद पति और घर की संभाल रहीं जिम्मेदारी

Meerut। उच्च शिक्षा, लाखों के पैकेज पर मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी और खुद की च्वाइस का लाइफ पार्टनर, दरअसल आधुनिक युग में हर लड़की की यही ख्वाहिश होती है, लेकिन मोनिशा अग्रवाल की कहानी सबसे जुदा हैं। जिंदगी में परिवार को प्राथमिकता देते हुए मोनिशा ने न सिर्फ घरवालों की पसंद से शादी की, बल्कि उनकी पसंद पर भरोसा जताते हुए लाखों के पैकेज वाली नौकरी भी छोड़ दी। दुर्गा देवी के अष्टम स्वरूप मां महागौरी नारी का वह स्वरूप है जो परंपरागत हैं और नए परिवार में स्वयं को स्थापित कर सभी को प्रसन्न रखती है। देवी के इसी स्वरूप को चरितार्थ करती मोनिशा लाखों लड़कियों के लिए मिसाल हैं।

गृहस्थी में होशियारी

बकौल मोनिशा, आईसीडब्ल्यूए क्लीयर करने के बाद दिल्ली की एक मल्टीनेशनल कंपनी में ज्वाइन किया। इसके करीब तीन साल बाद 2014 में पैरेंट्स ने रिश्ता पक्का किया और उन्होंने जॉब छोड़ दी। शादी के बाद वह मेरठ आ गई। यहां ससुराल में सास-ससुर और पति के रूप में नए लोग मिले, माहौल भी एकदम नया था। ऐसे में बदले माहौल में खुद को एडजस्ट करना और सबकी खुशियों का ख्याल रखना ही उनकी प्राथमिकता बन गई। मोनिशा ने खुद को सबके रंग में ढालने की जिम्मेदारी उठाई और सभी के स्वभाव को समझकर खुद को कुशल गृहणी बनाने में जुट गईं।

करियर नहीं, परिवार प्राथमिकता

मोनिशा कहतीं हैं कि जब हम किसी मुकाम पर होते हैं तो अच्छा लगता हैं लेकिन आगे बढने के लिए कई बार त्याग करना जरूरी हो जाता है। यह त्याग परिवार और घर के लिए हो तो इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है। अगर आप हर काम को बेहतरी के साथ करते हो तो उसमें आनंद आने लगता है। घर और अपने परिवार की केयर करना, हर दिन अपने काम को बेहतर बनाना, बिटिया को अच्छी सीख देना भी काफी चैलेंजिंग हैं क्योंकि इसमें मां, पत्‍‌नी और बहू बनकर सबका ख्याल रखने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है।