-एडी हेल्थ डॉ। प्रमिला गौड़ ने आईवीआरआई डायरेक्टर को भेजा पत्र

-वैज्ञानिक बंदरों के ब्लड सैंपल पर शोध कर लगाएंगे पता कि कहां से फैल रही बीमारी

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डिस्ट्रिक्ट में फैले जानलेवा बुखार कहीं मंकी मलेरिया तो नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने इस बात की आशंका जताई है। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग ने बंदरों का ब्लड टेस्ट कराने के लिए आईवीआरआई को पत्र लिखा है। डॉक्टर्स का कहना है कि मलेरिया पीडि़त बंदरों को यदि कोई मच्छर काट ले और वह मच्छर फिर किसी इंसान को काटता है, तो इंसान को मंकी मलेरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसका सही इलाज न मिले तो जानलेवा भी होता है। स्वास्थ्य महकमा की नींद इसलिए भी उड़ी है कि सैटरडे को बुखार से चार और लोगों की मौत हो गई।

वैज्ञानिक लगाएंगे पता

एडी हेल्थ डॉ। प्रमिला गौड़ ने एक पत्र सैटरडे को आईवीआरआई के डायरेक्टर को लिखा है। जिसमें डायरेक्टर से इस बारे में मदद मांगी है कि वह इस बारे में जानकारी कर बताएं कि आखिर इतने लम्बी अवधि के बाद बुखार और पीएफ के मरीज कैसे बढ़े इसके पीछे का रीजन क्या है। इसके लिए उन्होंने बंदरों के ब्लड सैंपल लेकर जांच करने को भी कहा है। ताकि यह जानकारी मिल सके कि कहीं बंदर तो इस बीमारी के वाहक का काम तो नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस बारे में जल्द से जल्द शोध कर पता लगाने की बात कही है।

बुखार से महिला की मौत

भुता के गांव पड़ौली निवासी कविता 45 वर्षीय पत्नी सुंदर लाल की सैटरडे को मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि कविता को एक सप्ताह पहले से बुखार आ रहा था। उसे झोलाछाप से दवा दिलाई थी लेकिन फायदा नहीं हुआ तो परिजनों ने निजी हॉस्पिटल एडमिट कराया जहां पर उसकी मौत हो गई।

युवक ने तोड़ा मौत

बहेड़ी कस्बा निवासी महेश चंद्र सक्सेना 50 वर्षीय की बुखार से फ्राइडे रात मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि महेश चन्द्र को दो दिन पहले बुखार आया था। कस्बा में ही डॉ। से इलाज करा रहे थे। बीती रात तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई।

युवती समेत दो की मौत

बिशारतगंज के गांव समाधीपुर में बुखार से सैटरडे दो लोगों की मौत हो गई। समाधीपुर गांव निवासी शरीना पुत्री इकबाल को कई दिन से बुखार आ रहा था। फ्राइडे रात को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं गांव के ही साबिर की भी बुखार से सैटरडे को मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि वेडनसडे को ही गांव में हेल्थ विभाग ने कैंप लगाया था।