सैंडल, छाता, रेनकोट रखिये तैयार

बुधवार को बादलों का मूड देखा न आपने? तो अब हमारी सलाह मानिये और अपने रेनी सीजन वाले सैंडल-चप्पल, रेन कोट और छाते को निकाल लीजिये। हो सके तो गुरुवार से अपने साथ लेकर ही घर से निकलिये वरना मॉनसून की झड़ी आपको कहीं भी, कभी भी भीगो सकता है। अटका सकता है और फंसा सकता है। वजह ये है कि मॉनसून अब पूर्वांचल के इतने नजदीक है कि वह कब मेहरबां हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

अभी है पटना के ऊपर

बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन के चलते करीब एक वीक से नार्थ ईस्ट में अटका हुआ मॉनसून एक झटके साथ मंगलवार को ही बिहार पहुंच चुका है। बुधवार को इसे पटना, रक्सौल और अन्य कई जिलों पर एक्टिव देखा गया है। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) की रिपोर्ट है कि पूर्वांचल के ऊपर अपर एयर साइक्लॉनिकल सर्कुलेशन मॉनसून को आगे बढऩे में मदद कर रहा है। इससे इस एरिया में प्री-मॉनसून एक्टिविटीज भी तेज हो चुकीं हैं। बुधवार को दोपहर में हुई बरसात प्री-मॉनसून रेन ही कही जाएगी।

बिहार से पूर्वांचल तक बादल

आईएमडी की ये भी रिपोर्ट है कि पूर्वांचल के ऊपर और पूरे बिहार एरिया में कनेक्टिव क्लाउड्स देखने को मिल रहा है। ऐसे में कब प्री-मॉनसून एक्टिविटी मॉनसून की झड़ी में बदल जाए, कुछ कहना मुश्किल होगा। हालांकि फिर भी ये उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार या शुक्रवार तक अच्छी बारिश के साथ मॉनसून उमस और गर्मी का गम भूला देगा। तब तक बादलों की छांव नसीब होती रहेगी और हल्की धूप में उमस परेशान भी करती रहेगी।

महज घंटे भर की बारिश में खुली दावों की पोल

महीनों से तैयारी चल रही थी। लाखों रुपये खर्च हो गए। इस खर्च का और मेहनत का सिर्फ एक मकसद था कि बारिश में कहीं जलजमाव न हो। मगर बुधवार को दिन में एक घंटे की तेज बारिश में नगर निगम के सारे दावे और मेहनत की पोल खोल दी। सिटी में शायद ही जल जमाव के लिए बदनाम कोई एरिया हो जहां पानी नहीं भरा। यहां तक की दुकानों में भी घुस गया।

बाबतपुर में सिर्फ 0.5 मिमी

सिटी एरिया में बुधवार दोपहर की बरसात ने भले ही जगह-जगह सड़क और चौराहों को पानी में डुबो दिया मगर बाबतपुर एयरपोर्ट पर इसे सिर्फ 0.5 मिमी रिकार्ड किया गया। उधर, कम बारिश होने के कारण ऐसा था। माना जा रहा है सिटी में कम से कम ये 4 मिमी रही होगी। इसी का नतीजा था कि अंधरापुल, सिगरा, रथयात्रा, महमूरगंज, मैदागिन, गोदौलिया, नईसड़क, कमच्छा, भेलूपुर, रामापुरा, इंग्लिशिया लाइन, औरंगाबाद जैसे जल जमाव के चर्चित एरिया में घंटों पानी लगा रहा।

फिर उमस ने निकाली जान

दोपहर की बारिश शुरूआत में तेज थी मगर बाद में धीमे पड़ते हुए एक घंटे बाद थम गयी। इसके बाद बारिश से बचने को इधर-उधर रूके लोग एक साथ सड़कों पर उतार आए। जबकि सड़कों पर जलजमाव ने रास्तों को संकरा कर दिया। ऐसे में पूरा शहर करीब दो घंटे तक भीषण जाम से जूझता रहा। बारिश थमने के बाद उमस भी भड़की और शाम तक लोग पसीने से जूझते रहे।