किसी को नहीं मालूम कि अब कहां है बच्चा, सीडब्ल्यूसी भी झाड़ रही है अपना पल्ला

11 सितंबर को प्रोबेशन विभाग ने मां के पास छोड़ा, उल्टे पांव घर से निकल गया मासूम

Meerut। सूरजकुंड स्थित बाल संरक्षण गृह में प्रभारी अधीक्षक द्वारा मासूम के साथ पिटाई में प्रकरण में गैरजिम्मेदारी उजागर हो रही है। 11 सितंबर को प्रोबेशन विभाग की टीम बच्चे को मां के सुपुर्द कर आई किंतु पलटकर यह नहीं देखा कि बच्चा अब कहां है। गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम को मां ने बताया कि बच्चा प्रोबेशन विभाग की टीम के पीठ फेरते ही फिर घर से निकल गया। वहीं मासूम के साथ पिटाई की जानकारी पर मां फफक-फफक कर रो पड़ी।

हालात की मारी बेचारी

शहर के शताब्दीनगर में एक किराए के मकान में रह रही मां पिछले कई सालों से एक अन्य व्यक्ति के साथ रह रही है, जबकि महिला का पति बागपत के बरनावा में रह रहा है। बताते हैं कि उसका पति हर रोज शराब के नशे में मारपीट करता था। इससे आजिज होकर वह एक अन्य व्यक्ति के साथ रह रही है।

घर पर नहीं रुका मासूम

महिला ने बताया कि उसने बेटे को रोकने का कई बार प्रयास किया किंतु

कभी घर पर नहीं रुका.उसने बताया कि पूर्व में भी प्रोबेशन विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया था कि मासूम को उसके पिता के हवाले कर दिया जाए किंतु पिता की तलाश करने की जहमत प्रोबेशन विभाग ने कभी नहीं उठाई। बाल संरक्षण गृह में मासूम के साथ पिटाई की जानकारी पर उसकी मां रो पड़ी।

सवाल जिनका नहीं है जवाब

बाल संरक्षण समिति ने बालक की मां की मौजूदा सामाजिक स्थिति को क्यों नजरअंदाज किया?

बच्चा बार-बार घर से भाग रहा है, तब भी उसे घर छोड़ना कहां तक उपर्युक्त है?

डिपार्टमेंट ने ऐसे बच्चे को फॉलो करना क्यों जरूरी नहीं समझा, जो बच्चा घर से बार-बार भाग रहा है।

मैंने नहीं दिए आदेश-डीपीओ

डीपीओ एसके गुप्ता ने बताया कि उन्होंने बच्चे को मां के सुपुर्द करने के लिए कोई मौखिक आदेश नहीं दिए। वहीं सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष महेश चंद्र शर्मा ने कहाकि सोशल इनवेस्टीगेशन के आदेश दिए गए हैं। बच्चा अपनी मां के पास जाना चाहता था, इसलिए उसे भेज दिया गया। अब बच्चा कहां है इसकी जानकारी नहीं है?

बिखर गए सपने

डीपीओ ने बताया कि मासूम गढ़ रोड स्थित एक प्राइवेट स्कूल में नियमित क्लास ले रहा था। ऐसे में मासूम को संरक्षण गृह से बाहर धकेल देने से न मासूम का भविष्य भी अंधकार से घिर गया।