- दो माह पहले हत्या की गई थी मोती की

- पुलिस ने डेढ़ माह तक चलाया सर्च अभियान

- आसन बैराज से बरामद हुई लाश

देहरादून: मोती मर्डर मिस्ट्री में पुलिस को एक अहम कामयाबी मिली है, करीब दो माह से लापता मोती का शव बुधवार को आसन झील से बरामद कर लिया गया है, परिजनों से शव की शिनाख्त कराई गई, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. मोती के दो हत्यारोपियों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है.

आसन झील की झाडि़यों में फंसा था शव

बीते 16 जनवरी से अपहृत मोती पुत्र तारा सिंह निवासी झिटाड़ त्यूणी की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपित नदीम पुत्र नसीम व अहसान पुत्र इखलाख निवासीगण नवाबगढ़ को अरेस्ट किया था और पिता तारा सिंह द्वारा दर्ज कराए अपहरण के मुकदमे में हत्या व साक्ष्य मिटाने की धाराएं आरोपितों के खिलाफ बढ़ाई गई थी. मामले का खुलासा होने पर शव न मिलने पर जौनसार क्षेत्र के युवकों ने विकासनगर में जमकर हंगामा किया था, इसके बाद मोती की तलाश के लिए करीब डेढ़ माह तक शक्तिनहर में एसडीआरएफ व पुलिस की टीम ने सर्च अभियान चलाया था. हाल ही में कुल्हाल पावर हाउस की पावर चैनल की मरम्मत के दौरान पानी रोका गया तो आसन झील में झाडि़यों में फंसी मोती की लाश दिखाई देने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी. बुधवार को पुलिस ने आसन झील से शव को बाहर निकाला.

यह था मामला

त्यूणी के झिटाड़ निवासी मोती सिंह पुत्र तारा सिंह कोतवाली के लाइन जीवनगढ़ में पिछले एक साल से मकान बनवा रहे थे, इसी दौरान नवाबगढ़ के दो युवकों से उनकी जान पहचान हुई थी. 16 जनवरी की शाम त्यूणी से मोती सिंह व तारा सिंह कार से विकासनगर आए थे, कुछ समय बाद मोती सिंह अपने दोस्त संजय के साथ बाल कटाने के लिए बाजार चला गया, लेकिन वापस नहीं लौटा था. मोती के पिता तारा सिंह ने नदीम व अहसान पुत्र इखलाख निवासीगण नवाबगढ़ के खिलाफ अपहरण की तहरीर देकर मोती का अपहरण होने व अनिष्ट की आशंका जतायी थी. पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार पूछताछ की जिस पर उन्होंने 16 जनवरी को ही सिर पर ईंट मारकर मोती की हत्या कर शव शक्तिनहर में ढकरानी के पास फेंकने की बात स्वीकारी.