ALLAHABAD: मोहर्रम का चांद दिखाई देते ही गुरुवार को मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मजलिस और मातम का दौर शुरू हो गया। करेली, दरियाबाद, अटाला, रानी मंडी, बक्शी बाजार, नखास कोहना व दायराशाह अजमल जैसे इलाकों में शिया महिलाओं ने चूडि़यां तोड़ दी, रंगीन कपड़े उतार कर काले कपड़े पहन लिए और चारों तरफ या हुसैन की सदाएं गूंजने लगी। मुस्लिम इलाकों में अजादारी का यह सिलसिला 67 दिनों तक लगातार चलता रहेगा। इसी कड़ी में दरियाबाद स्थित इमामबाड़ा अरब अली खां व रानी मंडी स्थित नवाब अजगर अब्बास की कोठी से जुलूसे इस्तकबाले निकाला गया।

 

प्रशासन से इंतजाम की मांग

अंजुमन खुद्दामे मोजिजनुमा के उपाध्यक्ष सैयद अजादार हुसैन व समाजसेवी हसन अस्करी रिजवी ने बताया कि मजलिसों का दौर शुरू हो गया है। जिला प्रशासन संबंधित थानों के माध्यम से प्रत्येक मोहल्ले में होने वाली मजलिसों की सूची बनवाए और वहां पर बिजली, पानी व सफाई की मुकम्मल व्यवस्था कराए।

 

नहीं उठेगा मोहर्रम का जुलूस

ऐतिहासिक मोहर्रम कमेटी की बैठक गुरुवार को रानी मंडी स्थित कार्यालय में हुई। इसमें 27 ताजियादार शामिल हुए। कमेटी व सभी ताजियादारों ने तय किया कि 21 से लेकर 30 सितम्बर तक मोहर्रम का जुलूस नहीं उठाया जाएगा। कमेटी के अध्यक्ष निसार खां ने बताया कि दुर्गा पूजा व विजयादशमी के साथ पड़ने की वजह से जुलूस नहीं उठाने का फैसला किया गया है।