मैनपुरी, यूपी (पीटीआई)। दशकों से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता को समाप्त करते हुए, सपा नेता मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को चुनावी रैली में एक साथ मंच साझा किया। बसपा प्रमुख ने मैनपुरी में मंच साझा करने के बाद कहा कि मुलायम सिंह 'पिछड़ों' के असली नेता हैं और पीएम मोदी 'फर्जी' नेता हैं। बसपा नेता क्रिश्चियन कॉलेज के मैदान में चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए पहुंची, जो समाजवादी पार्टी के समर्थकों का गढ़ भी माना जाता है। स्टेज पर मुलायम ने मायावती का सम्मान के साथ स्वागत किया और अपने समर्थकों को भी हमेशा उन्हें सम्मान देने की बात कही।  

मुलायम ने मतदाताओं से मांगी मदद

मुलायम सिंह ने अपने भाषण में मतदाताओं से चुनाव के लिए मदद मांगी और कहा, 'मैं और मायावती लंबे समय के बाद एक ही मंच पर आये हैं, हम उनका स्वागत करते हैं और उनका धन्यवाद करते हैं...।' इसके बाद अपने भाषण में, मायावती ने सपा के साथ हाथ मिलाने के अपने कदम का बचाव किया और कहा कि कभी-कभी पार्टी और लोगों के हित में कुछ कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं जानती हूं कि लोग सोच रहे होंगे कि मैं स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बावजूद मुलायम सिंह जी के प्रचार में क्यों आई हूं... कभी-कभी जनहित और पार्टी के लिए भी कुछ कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। मुलायम सिंह ने सपा के बैनर तले समाज के सभी वर्गों को एक साथ लेकर चला है.... वे असली नेता हैं, खासकर पिछड़ों के जो अभी भी उन्हें अपना नेता मानते हैं... वे नरेंद्र मोदी की तरह पिछड़ों के नकली 'या' फर्जी नेता नहीं हैं।'

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जय भीम और जय लोहिया का नारा किया बुलंद

बसपा अध्यक्ष ने जोरों से अपना भाषण समाप्त किया और अपनी पार्टी के स्लोगन 'जय भीम' का नारा भी बुलंद किया। हालांकि, उन्होंने अपने स्लोगन के साथ तुरंत 'जय लोहिया' के नारे को भी जोड़े। बता दें कि मुलायम सिंह और मायावती 1995 में अपने सत्तारूढ़ गठबंधन के बाद अलग हो गए। बता दें कि 1995 में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्टेट गेस्ट हाउस पर हमला किया, जहां बीएसपी प्रमुख अपने समर्थकों के साथ डेरा डाले हुई थीं।