आगरा। मंगलवार को एक बार फिर आए भूकंप के झटकों ने धरती के साथ फ्लैट्स में रहने वालों को हिलाकर रख दिया है। खौफ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोगों ने फ्लैट्स से शिफ्ट करना शुरू कर दिया है, तो कुछ ने सामान पैक करने के साथ ही मल्टीस्टोरी की जगह सिंगल स्टोरी भवन ढूंढना शुरू कर दिया है।

16 दिन में दूसरी बार झटके

25 अपै्रल के बाद मंगलवार को फिर शहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 17 दिनों में दूसरी बार आए कई भूकंप के झटकों ने फ्लैट्स में रहने वालों में खौफ पैदा कर दिया। वह खुद को फ्लैट्स में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

भूकंप के भय ने उड़ाई रातों की नींद

फ्लैट्स में रहने वाले लोगों की मानें तो मंगलवार का आए झटकों के बाद वह रात में सो नहीं पा रहे हैं। बच्चों के जेहन में भूकंप का भय इस कदर व्याप्त है कि खाना भी ठीक से नहीं खा रहे हैं। इसी दहशत के चलते कई परिवार फ्लैट खाली कर रहे हैं।

हर समय सताता है डर

बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले उन लोगों ने फ्लैट खाली करने का फैसला किया है, जिनके बच्चे छोटे हैं। उनके माता-पिता बुजुर्ग हैं। ऐसे में वह भूकंप के झटकों के समय जल्दी नीचे नहीं उतर पाएंगे। उन्हें डर सताता रहता है कि पता नहीं कब भूकंप आ जाए और भागना पडे़। इसी दहशत के चलते कुछ लोग फ्लैट्स खाली कर चुके हैं, तो कुछ खाली करने की प्लानिंग बना रहे हैं।

बरत रहे विशेष एहतियात

भूकंप के दौरान किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग अब विशेष एहतियात बरते रहे हैं। भूकंप मापने के यंत्र के साथ पानी, झूमर आदि को इस प्रकार रखते हैं कि भूकंप आने की जानकारी तत्काल हो सके। कीमती सामान को सोने से पहले ही अलमारियों में बंद कर दिया जाता है, जिससे भूकंप के कारण घर को खाली करते वक्त अगर घर खुला भी रह जाए तो कोई महत्वपूर्ण सामान कोई ले न जा सके।

रीयल एस्टेट पर दोहरी मार का खतरा

भूकंप के भय से लोग फ्लैट खाली करने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में बिल्डर्स की साख पर बट्टा लगने का भी खतरा है। जिस बिल्डर के यहां पर फ्लैट रीसेल होंगे, तो जाहिर है कि उसकी साख पर उंगली उठेगी।

नए प्रोजेक्ट भी पड़ेगा असर

शहर में अभी कई मल्टीस्टोरीज प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं। ऐसे में रीसेलिंग का असर उन प्रोजेक्ट पर भी पड़ सकता है। पहले से ग्राहकों के लिए जूझ रहे बिल्डर्स के लिए यह बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है। इससे प्रोजेक्ट फ्लॉप होने को का खतरा भी कम नहीं हैं। एक्स‌र्ट्स की मानें तो फोर्थ फ्लोर से ऊपर रहने वाले लोगों को भूकंप के झटकों के दौरान ज्यादा सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है। भूकंप के झटके मल्टीस्टोरीज में फोर्थ फ्लोर के ऊपर ज्यादा महसूस होते हैं। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो ग्राउंड से फोर्थ फ्लोर तक भूकंप के झटके कम महसूस होते हैं।