-नगर निगम ने मथुरा की एजेंसी से बंदर पकड़ने का बनाया है प्लान

-पर वन विभाग नहीं दे रहा एनओसी, परेशान निगम ने फिर लिखा लेटर

VARANASI

शहर में बंदरों के आतंक से फिलहाल निजात नहीं मिलने वाली है। नगर निगम ने बंदर पकड़ने का प्लान तैयार किया। इसके लिए मथुरा की एक निजी एजेंसी से बात भी कर ली, लेकिन वन विभाग ने अब तक अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) ही नहीं दिया। इससे यह प्रयास अधर में लटक गया है। पब्लिक की दिक्कत को देखते हुए नगर निगम ने वन विभाग के अफसरों को एक लेटर लिखा है जिसमें एनओसी जल्द देने को कहा है।

नहीं थम रहा बंदरों का उत्पात

शहर और आसपास के एरिया में बंदरों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। घरों ही नहीं, पार्को, कैंट स्टेशन, मंडलीय अस्पताल समेत अन्य सार्वजनिक जगहों पर दिन भर बंदर उत्पात मचाते रहते हैं। पिछले महीने दर्जन भर से ज्यादा लोगों को बंदरों ने काटकर जख्मी कर दिया। इनका उपचार मंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल समेत अन्य हॉस्पिटल्स में कराया गया। इसके अलावा बंदर डेली घरों, दुकानों और ठेले-खोमचे वालों के काफी सामान को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

पार्षदों ने उठाया मुद्दा

दरअसल, बंदर और कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर निगम के पास संसाधन नहीं हैं। नगर निगम की कैटल काउच टीमें (पशु गैंग) सिर्फ आवारा व छुट्टा मवेशियों को ही पकड़ती हैं। इससे शहर में कुत्तों और बंदरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। पिछले दिनों मिनी सदन की हुई बैठक में दर्जनों पार्षदों ने जोरशोर से यह मुद्दा उठाया। इसके बाद सर्वसम्मति से बंदर पकड़ने का प्रस्ताव पास हो गया। नगर निगम ने पूरा प्लान तैयार कर लिया और मथुरा की एक एजेंसी से बात भी फाइनल कर ली। एजेंसी कर्मी बंदरों को पकड़कर दूर-दराज के जंगलों में छोड़ेंगे। इसके बदले एजेंसी को निगम तय धनराशि का भुगतान करेगा।

एक नजर

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कैटिल काउच टीमें निगम में

10 कर्मचारी तैनात हैं टीमों में

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कर्मचारी लगाएगी निजी एजेंसी

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जोन में चरणबद्ध चलेगा अभियान

बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए निजी एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाएगी। फिलहाल मामला वन विभाग की ओर से एनओसी न मिलने से लटका हुआ है। इसके लिए फिर लेटर लिखा गया है।

रमेश चन्द्र सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त