- इंदौर से सीखनी होगी दून को वेस्ट मैनेजमेंट की प्रोसेस

- पूरे संसाधन लगाने के बाद भी दून नगर निगम सेनिटेशन में फेल

- साइंटिक तरीकों को लाना होगा अमल में, पब्लिक को करना होगा अवेयर

देहरादून, ट्रंचिंग ग्राउंड को खत्म कर वेस्ट मैनेजमेंट की साइंटिफिक प्रोसेस के चलते स्वच्छ सर्वे में इंदौर ने हैट्रिक लगाते हुए रैंक वन हासिल की, वहीं दून को ट्रंचिंग ग्राउंड ही ले डूबा। शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़े के बजबजाते ढेर, रिसाइक्लिंग और डिकंपोजिशन की सुस्त रफ्तार, डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन में ढील और शहर में जगह-जगह बनाए डंपिंग जोन दून नगर निगम के फेल्योर का कारण बने। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इंदौर से दून का कंपेरिजन किया तो कई मोर्चो पर दून नगर निगम को पीछे पाया।

दोनों शहरों की वर्किग में डिफरेंस

स्वच्छता के मोर्चे पर इंदौर नगर निगम ने ट्रंचिंग ग्राउंड की व्यवस्था ही खत्म कर दी। इसके बजाय गार्बेज मैनेजमेंट के लिए साइंटिफिक तरीके से काम किया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ ने गार्बेज मैनेजमेंट प्लान शेयर किया, बताया कि कूड़े के लिए ट्रंचिंग ग्राउंड की जरूरत ही नहीं है, कूड़ा जिस दिन उठाया जाता है, उसी दिन उसे रिसाइकिल कर दिया जाता है। ऐसे में कूड़े के ढेर आपको कहीं नजर नहीं आएंगे। इसके विपरीत दून नगर निगम का पूरा फोकस कूड़ा डंपिंग पर है, उसे समय रहते रिसाइकिल नहीं किया जा रहा, ऐसे में कूड़े के ढेर डंपिंग यार्ड से लेकर शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक दिख रहे हैं। यही दून नगर निगम का फेल्योर का पहला रीजन है।

सड़क पर नहीं डंपिंग यार्ड

इंदौर में सड़कों के किनारे डंपिंग यार्ड नहीं बनाए गए हैं, कूड़ा सीधा रिसाइकिलिंग यूनिट पंहुचाया जाता है। लेकिन, देहरादून में शहर का पूरा कूड़ा सड़कों के किनारे ही डंप किया जाता है। इसके बाद उसे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाता है। इस प्रोसेस में दिन भर सड़कों के किनारे दिखने वाला कूड़ा शहर की स्वच्छता को दाग लगाता है।

गार्बेज प्रोसेसिंग में लगता है लंबा समय

शहर का कूड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में पहुंचाये जाने के बाद भी उसकी रिसाइकिलिंग में एक माह से भी ज्यादा समय लग जाता है। कूड़ा जिस स्पीड से यहां पहुंचता है, उस स्पीड से रिसाइकल और डिकंपोज नहीं होता।

गार्बेज सैपरेशन नहीं

इंदौर में गार्बेज सैपरेशन की व्यवस्था घर से ही शुरू हो जाती है। लोग नगर निगम के वाहनों में कूड़ा सैपरेट करके ही डालते हैं। इसके विपरीत इस मामले में दून की पब्लिक अवेयर नहीं है, जैविक-अजैविक कूड़ा एक साथ निगम के वाहनों में उड़ेल दिया जाता है, जिसे बल्क में सैपरेट करना भी बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि रिसाइकिलिंग की रफ्तार सुस्त हो जाती है।

इंदौर और दून नगर निगम का कंपेरिजन

इंदौर की हैट्रिक का राज

- कूड़ा वाहनों गीले, सूखे और ई-वेस्ट के लिए सैपरेट बॉक्स

- गीले कूड़े से बनाई जाती है खाद

- सीमेंट फैक्ट्रीज को भेजा जाता है सूखा कूड़ा

- पीतल फैक्ट्री को भेज दिया जाता है ई-वेस्ट

- प्लास्टिक से बनाए जाते हैं पाइप

- शादी समारोह के दौरान फूलों के प्रयोग पर लगता है शुल्क

- आवारा पशु पकड़े गए तो नहीं लौटाए जाते मालिकों को

- घरों में होम कंपोस्टिंग की व्यवस्था निगम की ओर से

- सड़क पर कूड़ा फेंकने पर 500 से 1 लाख रुपए तक पैनल्टी

दून का ड्रॉ-बैक

- गार्बेज सैपरेशन की नहीं व्यवस्था, पब्लिक नहीं अवेयर

- कूड़ा वाहनों में एक साथ उड़ेल दिया जाता है मिक्स कूड़ा

- गीले कूड़े से खाद बनाने की प्रोसेस बेहद सुस्त

- सूखे कूड़े को रिसाइकल करने की नहीं व्यवस्था

- ई-वेस्ट से छुटकारा पाने का नहीं कोई प्लान

- सड़क पर ही बना दिये गये हैं डंपिंग यार्ड

- डस्टबिन नहीं संभाल पाते शहर के कूड़े का बोझ

- आवारा पशुओं से छुटकारा पाने की नहीं कोई व्यवस्था

- सड़कों पर गंदगी फैलाने वालों पर लगाम लगाने की नहीं ठोस व्यवस्था

पब्लिक कोट

शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट काफी सुस्त चल रहा है। कूड़ा रिसाइकिल नहीं हो रहा, ऐसे में प्लांट में ही कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। सड़कों के किनारे डंपिंग यार्ड दून के पिछड़ने का बड़ा कारण है।

हेमा पुरोहित, प्रदेश अध्यक्ष, महिला कांग्रेस सेवा दल

------------------

इंदौर नगर निगम से दून को सीख लेनी चाहिए, चार बार स्वच्छ सर्वे में फिसड्डी साबित होना शर्मनाक स्थिति है। पब्लिक को भी अवेयर किए जाने की जरूरत है।

यशवीर आर्य, समाज सेवी

--------------

दून तभी स्वच्छ होगा जब सड़क से डंपिंग यार्ड हटाए जाएंगे और घरों से ही कूड़े को सैपरेट करने की व्यवस्था अमल में लाई जाएगी। नगर निगम को इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करने चाहिए।

विजय लक्ष्मी गुसांई, समाज सेवी

------------------

इंदौर से वाकई वेस्ट मैनेजमेंट का प्लान सीखने की जरूरत है। इस पर विचार किया जा रहा है। नगर निगम की एक टीम जल्द ही इंदौर भेजी जाएगी, टीम वहां के सेनिटेशन व‌र्क्स को स्टडी करेगी। इसे दून में लागू किया जाएगा।

सुनील उनियाल गामा, मेयर