पशुपालक अड़े, कैटिल कॉलोनी में की सुविधाओं की मांग, पर्याप्त जमीन नहीं होने का रोया रोना

नगर निगम ने भेजा नोटिस, पर डे दस से बीस हजार रुपये तक जुर्माना की दी चेतावनी

ALLAHABAD: नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने शहर की गलियों, सड़कों व कॉलोनियों में चल रही डेयरियों को शहर से बाहर करने की कवायद शुरू की है। पशुपालकों को नोटिस भेजने के साथ जुर्माना लगाया जा रहा है। उधर, पशुपालक शहर से जाना नहीं चाहते इसलिए समस्याएं गिना रहे हैं। किसी की समस्या जमीन की है तो किसी की चारे की। कोई पानी का रोना रो रहा है तो कोई सुविधाओं को लेकर अड़ंगा डाल रहा है।

पशुओं का लाइसेंस है कैंसिल

शहर को गंदगी से मुक्त करने के लिए नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन और सदन ने मार्च में दुधारू पशुओं का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था। इसके बाद शहर में पल रहे करीब 35 हजार से अधिक पशु अवैध हो गए। उन्हें शहर से बाहर करने की कवायद अब शुरू हुई है।

500 पशुपालकों को नोटिस

करीब 2800 पशुपालक नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं। अब ऐसे पशुपालकों को अपने पशु शहर से बाहर ले जाने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है। करीब 500 पशुपालकों को फ‌र्स्ट फेज में नोटिस भेजा गया है। इससे पशुपालकों में हड़कंप है। नोटिस में शहर से पशु बाहर नहीं ले जाने पर 10 और 20 हजार रुपये पर डे के हिसाब से जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गई है।

निगम के पास जमीन ही नहीं

पशुपालक दुग्ध उत्पादक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि 35 हजार पशुओं को नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन कहां रखेगा। उसके पास तो जमीन ही नहीं है। बेला कछार फाफामऊ में 1.75 हेक्टेयर जमीन है। अरैल में 1.25 हेक्टेयर जमीन है। इतनी जमीन में सभी पशुओं को नहीं रखा जा सकता।

पशुपालकों की दिक्कत

एक गाय या भैंस के लिए कम से कम छह बाई छह फीट की जगह चाहिए

कैटिल कॉलोनी में चारा, तालाब की व्यवस्था होनी चाहिए, फाफामऊ का तालाब ध्वस्त हो चुका है, नलकूप भी काम नहीं करता

किश्तों में सस्ते दर पर जमीन दी जाए

जुर्माना राशि 10 हजार को बंद किया जाए

पशुपालक शहर से बाहर जाने को तैयार हैं। नगर निगम झूंसी, नैनी, फाफामऊ और सुलेमसराय में सुविधाओं से युक्त कैटिल कालोनी का इंतजाम करे। रियायती रेट पर भूखंड दे।

प्रताप बहादुर यादव

संरक्षक, पशुपालक दुग्ध विक्रेता संघ

पशुओं को कैटिल कॉलोनी में ले जाएंगे तो चारे का इंतजाम कैसे करेंगे। कैटिल कालोनियों के पास चारे की व्यवस्था सरकारी स्तर पर कराई जाए।

विजय यादव, अध्यक्ष, पशुपालक दुग्ध विक्रेता संघ

जब तक पशु पालकों को शहर से बाहर बसाने की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक मनमाने तरीके से नोटिस न भेजा जाए। शहर के अंदर दूध बेचने के स्थान की व्यवस्था की जाए।

रामचंद्र यादव

सड़क, गली व सार्वजनिक स्थान पर गाय-भैंस बांधना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसे लेकर पशुपालकों को नोटिस दिया जा रहा है। पशुपालक पशुओं को कहां ले जाते हैं, ये उनकी जिम्मेदारी है। कैटिल कॉलोनी में जाना चाहते हैं तो जमीन की व्यवस्था की जाएगी।

डॉ। धीरज गोयल, पशुधन अधिकारी,

नगर निगम