- सड़कों पर आवारा मवेशी बन रहे हादसों का कारण

- नगर निगम नहीं हटा रहा सड़कों से मवेशी

- कांजी हाउस पहले से फुल, और मवेशियों के लिए नहीं है व्यवस्था

- चारा-पानी और छाया की सुविधा नहीं, कर्मचारी भी जरूरत से आधा

देहरादून, दून की सड़कों पर आवारा मवेशियों की भरमार हादसों को न्यौता दे रही है, दूसरी ओर नगर निगम का कांजी हाउस अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया है. कांजी हाउस में सिर्फ एक टिन-शेड है, जिसके आसरे में 280 मवेशी रखे गए हैं. और मवेशियों के लिए न चारे की व्यवस्था है न पानी और छाया की, ऐसे में नगर निगम ने अब आवारा पशुओं को कांजी हाउस भेजना बंद कर दिया है. इन अव्यवस्थाओं के चलते मवेशी सड़कों पर घूम रहे हैं, ये उनकी व राहगीरों दोनों की जान के लिए जोखिम बना हुआ है.

कांजी हाउस फुल

केदारपुरम इलाके में नगर निगम द्वारा अवारा पशुओं को रखने के लिए कांजी हाउस बनाया था. यहां 280 मवेशी रखे गए हैं. लेकिन, कांजी हाउस में अव्यवस्थाओं की भरमार है. यहां और मवेशियों के लिए चारा-पानी और छाया का इंतजाम नहीं है, हालांकि स्पेस की कमी नहीं है. इसके बावजूद नगर निगम द्वारा यहां और मवेशियों के लिए शेड नहीं बनाए गए. इस लापरवाही के चलते मवेशी सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं.

मैन पावर की कमी

कांजी हाउस में रखे 280 मवेशियों के पालन-पोषण और देखभाल के लिए सिर्फ 13 कर्मचारी तैनात किए गए हैं. 20 से ज्यादा मवेशियों की देखभाल एक कर्मचारी के भरोसे है. कांजी हाउस में करीब 30 कर्मचारियों की जरूरत है, इस वजह से भी नगर निगम द्वारा सड़कों पर घूम रहे मवेशियों को अब कांजी हाउस नहीं ले जाया जा रहा.

मेयर के निर्देश भी भूल गए अफसर

सड़कों पर आवारा मवेशियों की भरमार और कांजी हाउस की शिकायतों के बाद करीब एक माह पहले नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने कांजी हाउस का इंस्पेक्शन किया था. अफसरों को निर्देश दिए गए थे कि कांजी हाउस में और मवेशियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएं और सड़कों से आवारा मवेशियों को उठाकर कांजी हाउस मे रखा जाए, लेकिन अफसरों ने उनके निर्देश पर अभी तक अमल नहीं किया है.

फाइलों में खो गया 2016 का प्रपोजल

2016 में नगर निगम द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसमें आवारा मवेशियों को रखने के लिए नई जमीन खरीद कांजी हाउस बनाए जाने पर फैसला हुआ था. इसके लिए 80 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था. प्रस्ताव शासन की स्वीकृति के लिए भेजा गया जो आज तक लंबित है.

सारे पशुओं के लिए एक वाहन

नगर निगम एक ही वाहन कुत्ते, सूअर, गाय-बैल को सड़कों से उठाकर निर्धारित स्थान तक ले जाने के लिए यूज कर रहा है. ऐसे में पशुओं में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. ये पशु क्रूरता निवारण एक्ट का खुला उल्लंघन है. हर पशु को निर्धारित माप के विशेष वाहन से ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक ढोया जा सकता है. हालांकि, इस काम के लिए निगम के पास दो वाहन हैं, लेकिन एक कंडम है.

सड़क हादसों का बड़ा कारण मवेशी

गाय-बैल, कुत्ते और सूअर ट्रैफिक संचालन के लिए भी मुसीबत बने हैं. तो वहीं सड़क पर आवारा मवेशियों का डेरा हादसों को न्यौता दे रहा है. कई बार इनसे टकराकर टू-व्हीलर सवार चोटिल हुए हैं. वाहनों की टक्कर से मवेशियों की जान भी गई है. ऐसे में इनके लिए कांजी हाउस की सख्त जरूरत है.

कांजी हाउस की स्थिति

- 280 जानवर

- 13 कर्मचारी

- 1 वाहन

- 1 शेड

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कांजी हाउस में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, ताकि और मवेशी उसमें आ सकें. सिटी में एक और कांजी हाउस की जरूरत है, इस प्रस्ताव पर भी काम जारी है.

सुनील उनियाल गामा, मेयर, नगर निगम