नारायण मूर्ति ने दिया काम

सीआईआई की ओर से आयोजित किए गए एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मैने आईआईएम की प्रवेश परीक्षा छोड़ दी मुझे नौकरी चाहिए थी और इसके लिए मैं एक छोटी कंपनी में गया जहां नारायण मूर्ति ने मुझे काम दिया। हमारा रिश्ता बढिय़ा रहा और इन्फोसिस की शुरूआत हुआ, बाकी की बातें सभी जानते हैं। निलेकणी ने कहा कि अगर वो एग्जाम पास कर लेते तो वो शायद किसी साबुन या अन्य किसी कंपनी के मैनेजर होते। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि मेरे ज्वाइन करने के बाद इंफोसिस में परीक्षा शुरू हो गयी। मैं खुशनसीब था कि परीक्षा शुरू होने से पहले इंफोसिस में पहुंच गया।

आईआईटी में दाखिला लिया

नंदन निलेकणी ने आगे कहा कि आईआईटी में बिताए गए साल उनके लिए एक लीडर बनने का एक निर्णायक काल था। निलेकणी ने कहा कि मैं एक सामान्य बच्चा था, लेकिन बड़ी बात तब हुई जब मैने आईआईटी में दाखिला लिया। जब मैने दोस्तों के बीच बड़े शहर के माहौल के बीच खुद को ढालना सीखा। मैं आत्मनिर्भर बन गया और वह समय मेरे लिए बतौर खुद का लीडर के रुप में विकास करने के लिहाज से महत्वपूर्ण रहा।

Business News inextlive from Business News Desk

Business News inextlive from Business News Desk