ओलंपिक तैयारियों के बारे में गगन नारंग ने कहा, “पिछले साल 2010 में ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई करने के बाद मैंने अपनी तकनीक और हथियारों को लेकर काफ़ी प्रयोग किए है। इस साल के अंत तक मैं अपनी तकनीक को अंतिम रूप दूंगा। ”गगन नारंग इन दिनो पुणे के बालेवाड़ी स्टेडियम में अभ्यास कर रहे हैं।

गगन नारंग दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम को ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट ने आयोजित किया था। ये संस्था खिलाड़ियों को ओलंपिक गोल्ड जीतने के लिए आर्थिक और तकनीकी मदद मुहैया करवाती है।

वहीं इस आयोजन में मुक्केबाज़ी की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम भी मौज़ूद थी। जो ओलंपिक में पहली बार हिस्सा लेंगी। एमसी मैरीकॉम ने बताया कि वो अबकी बार 51 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लेंगी और ये उनके लिए चुनौतीपूर्ण होगा।

एमसी मैरीकॉम ने कहा, “मैं अब 51 किलोग्राम वर्ग में हिस्सा लेने लगी हूँ ये मेरे लिए थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन फिर भी मैं अपना 100 प्रतिशत दूँगी.” इसके साथ ही उन्होने ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट को फ़िज़ियो उपलब्ध करवाने के लिए शुक्रिया भी कहा। गौरतलब है कि लंदन ओलंपिक 2012 में पहली बार महिला मुक्केबाज़ी को शामिल किया गया है।

दीपिका बढाएंगी हौसला

दीपिका पादुकोण भी इस समारोह में मौजूद थी। उन्हे ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट का निर्देशक नियुक्त किया गया है। इस तरह की पहल से जुड़ने के बारे में दीपिका ने बताया, “मैं हमेशा खेल से जुड़ी रही हूँ, मैं चाहती थी कि मैं खेल के लिए कुछ करुं और जब मेरे सामने ये मौक़ा आया तो मैंने स्वीकार कर लिया.”

जब उनसे पूछा गया कि वो कैसे खेल और खिलाड़ियों की मदद करना चाहेंगी तो उन्होने कहा कि वे खेल को बढ़ावा देने के लिए कुछ भी करेंगी। अगर खिलाड़ियों को लगता है कि वे उनका हौसला बढ़ा सकती हैं तो वे ज़रुर उनका हौसला बढ़ाएँगी।

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