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LUCKNOW: यूपी के पहले विकास पुरुष कहलाने वाले नारायण दत्त तिवारी ने ही नोएडा का सपना देखा और उसे साकार किया। यूपी को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला नोएडा एनडी तिवारी की ही देन है। इतना ही नहीं, उन्होंने सिडबी, अपट्रान, स्कूटर इंडिया, आईआईएम, एसजीपीजीआई, कई यूनिवर्सिटी के अलावा प्रदेश में हॉट मिक्स प्लांट से सड़कों की स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी साख का नतीजा है कि उत्तराखंड के गठन में भी उनकी अहम भूमिका रही और उनकी बदौलत ही इस नये राज्य को तमाम संसाधन मिल सके। वर्ष 2002 में उत्तराखंड को औद्योगिक पैकेज की सौगात तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से एनडी तिवारी के मधुर संबंधों के कारण मिली। यह पैकेज हरिद्वार, रुद्रपुर और पंतनगर जैसे जिलों के लिए वरदान साबित हुआ और वहां तमाम उद्योगों की स्थापना हो सकी।

 

बदल गयी पश्चिमी यूपी की तस्वीर

एनडी तिवारी के प्रयासों की वजह से पश्चिमी उप्र के आधा दर्जन जिलों की तस्वीर बदल गयी और आज वे एनसीआर का हिस्सा बनकर बेहतर अवस्थापना सुविधाओं से लैस हैं। नोएडा और उसके आसपास के इलाके की तरक्की के साथ ही बड़े से लेकर छोटे उद्योगों में लाखों लोगों को रोजगार मिल सका। नोएडा और उसके आसपास की जमीनें बेशकीमती बन गयी और किसानों को भी इसका खासा फायदा हुआ। इसकी एक खास वजह यह भी है कि वे सोनिया गांधी और संजय गांधी के करीबी माने जाते थे। उनके प्रस्ताव पर केंद्र सरकार तत्काल मुहर लगा देती थी। उनका कद इतना बढ़ गया था कि उन्हें कालांतर में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार माना जाने लगा। इस बीच उत्तराखंड का गठन हुआ और वे वहां भी मुख्यमंत्री बने। यूपी के साथ उत्तराखंड में औद्योगिकीकरण से सीधे तौर पर रोजगार के अवसर मिलने के अलावा प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिली। एनडी तिवारी का योगदान नेहरू युवा केंद्र की स्थापना में भी था। वहीं केंद्र में भी वह योजना मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, श्रम मंत्री, भारी उद्योग, इस्पात व खान मंत्री रहे।

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