साइबेरिया के जंगलों को तबाह करने वाले एस्ट्रॉयड से कई गुना बड़ा है ये छु्द्र ग्रह

वाशिंगटन (PTI): बता दें कि हाल ही में 15 अप्रैल को एक विशालकाय एस्ट्रॉयड धरती के बहुत नजदीक से गुजर गया। धरती तो फिलहाल बच गई, लेकिन यह एस्ट्रॉयड 1908 में साइबेरिया के हजारों किलोमीटर जगलों को समतल कर देने वाले छुद्र ग्रह से करीब 3.6 गुना बड़ा है। जब से धरती के करीब से गुजरा उस वक्त ये धरती से 1,92,000 किलोमीटर दूर था। अगर आपको यह लग रहा है कि यह तो बहुत ज्याद दूरी है, तो जनाब यह गलतफहमी है, क्योंकि ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों के आकार और उनकी ग्रैविटी को देखते हुए यह दूरी बहुत कम थी और धरती के लिए यह बहुत खतरनाक हो सकती थी। सबसे अनोखी बात तो यह है कि 2018 GE3 नाम के इस एस्ट्रॉयड को धरती के नजदीक से गुजरने के सिर्फ 21घंटे पहले देखा जा सका। जबकि कई बार वैज्ञानिक धरती के लिए खतरा बन सकने वाले एस्ट्रॉयड के बारे में सालों पहले ही बता देते हैं। यह एस्ट्रॉयड करीब 48 से 110 मीटर आकार का है, लेकिन अगर यह धरती से टकरा जाए तो इंसानी जिंदगी को बड़ा नुकसान हो सकता है।

 

14 अप्रैल को स्काई सर्वे ने पहली बार देखा यह एस्ट्रॉयड

यह एस्ट्रॉयड पहली बार 14 अप्रैल को Catalina Sky Survey के स्पेस वैज्ञानिकों ने देखा। उस वक्त वो धरती की ओर ही तेजी से बढ़ रहा था। बता दें कि यह स्काई सर्वे अमेरिका की एरिजोना यूनीवर्सिटी में चल रहे नासा के एक प्रोग्राम का हिस्सा है। 2018 GE3 नाम का यह एस्ट्रॉयड धरती और चांद की दूरी के करीब आधी दूरी से गुजर गया।

इतने विशालकाय एस्ट्रॉयड ने दुनिया को चौंका दिया,पहली बार तब दिखा जब वो धरती छूने वाला था

स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013 में रूस के आसमान में एक ऐसा ही एस्ट्रॉयड टूटकर जल गया था, जिसके कारण घटनास्थल से 93 किलोमीटर दूर तक तमाम इमारतों को नुकसान हुआ था और करीब 1200 लोग घायल हुए थे। बता दें कि 15 अप्रैल को धरती के करीब से गुजरने वाला एस्ट्रॉयड रूस वाले एस्ट्रॉयड से 3 या 6 गुना बड़ा है। ऐसे में सोच पाना मुश्किल है कि अगर 2018 GE3 छु्द्र ग्रह धरती से टकरा जाए तो लाखों करोंड़ों लोगों की जिंदगी तबाह हो सकती है।

 

एस्ट्रॉयड को देख पाना क्यों है इतना मुश्किल?

वैज्ञानिकों के मुताबिक कार्बन की मोटी परतों और चट्टानों से बने इन एस्ट्रॉयड को देख पाना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि ग्रहों की तुलना में से बहुत छोटे, बिल्कुल काले होते हैं। इस कारण इन पर पड़ने वाली कोई रोशनी आसानी से रिफ्लेक्ट नहीं होती। तभी तो इन्हें तब तक खोजा नहीं जा सकता, जब तक कि कई शक्तिशाली टेलीस्कोप एक साथ इनकी ओर न देखें। ऐसा ही कुछ 2018 GE3 के मामले में भी हुआ, तभी इसे लास्ट मोमेंट पर देखा जा सका।


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