वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया है कि उसका इनसाइट लैंडर 26 नवंबर को मंगल ग्रह की सतह पर उतरने वाला है। स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग के बाद साइंटिस्ट्स और इंजीनियर लैंडर की स्थिति पर लगातार अपनी नजर रखेंगे। नासा मुख्यालय में विज्ञान मिशन निदेशालय के सहयोगी प्रशासक थॉमस जुर्बुचेन ने कहा, 'मंगल ग्रह पर लैंडिंग बहुत बड़ी बात है। इसके लिए कौशल, ध्यान और पहले से काफी तैयारी की जरुरत होती है।' उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि हमारी विज्ञान और इंजीनियरिंग टीम मंगल ग्रह पर इनसाइट को सफलतापूर्वक उतारने के लिए कुछ भी कर सकती है और वह करेगी।

सात मिनट तक स्थिति बेहद गंभीर
बता दें कि इनसाइट को 5 मई को सेंट्रल कैलिफोर्निया में वेंडेनबर्ग एयरफोर्स के बेस से लांच किया गया था और यह नासा का पहला ऐसा मिशन है, जो मार्स के आंतरिक संरचना, आर्कीटेक्चर, वहां भूंकप की स्थिति और वहां के धरातल के नीचे मौजूद गर्मी के बारे में गहराई से पता लगाएगा। नासा के मुताबिक, इनसाइट स्पेसक्राफ्ट की स्पीड मार्स पर लैंडिंग के दौरान 19,800 किलोमीटर प्रति घंटे से घटकर 8 किलोमीटर प्रति घंटे पर पहुंच जाएगी, जो किसी इंसान के जॉगिंग स्पीड के बराबर है। नासा के एक अधिकारी ने बताया कि लैंडिंग के सात मिनट बाद तक स्थिति बहुत मुश्किलों भरी होगी, उसी बीच इंजीनियर उन स्थितियों को काबू करने की कोशिश करेंगे। हालांकि, इंजीनियरों की यहां से इनसाइट की लैंडिंग पर कोई कंट्रोल नहीं है, इसलिए स्पेसक्राफ्ट अपने प्री डिफॉल्ट सेटिंग के जरिये खुद अपनी लैंडिंग को कंट्रोल करेगा।

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