कानपुर। कवि रविन्द्र नाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्र गान 'जन गण मन' की रचना की थी। साहित्य में नोबेल पुरस्कार पाने वाले रविन्द्र नाथ टैगाेर द्वारा बनाया गया यह राष्ट्र गान आज भारत में विशेष अवसरों पर बजाया व गाया जाता है।

108 साल पहले आज ही के दिन गाया गया था 'जन गण मन'

कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया

भारतीय संविधान सभा ने जन गण मन राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी, 1950 को अपनाया था लेकिन यह पहली बार 108 साल पहले गाया गया था। इसे 27 दिसंबर, 1911 में  कांग्रेस के कलकत्ता (अब काेलकाता) अधिवेशन में गाया गया था।

108 साल पहले आज ही के दिन गाया गया था 'जन गण मन'

पूरा गाने में कुल 52 सेकेंड का समय लगता

रविन्द्र नाथ टैगोर ने इसे मूलतः बांग्ला में लिखा था। कहते हैं कि जन गण मन को इसके अर्थ की वजह से ही राष्ट्र गान का नाम दिया गया। राष्ट्र गान को पूरा गाने में कुल 52 सेकेंड लगते हैं। इस पूरे गान में पांच पद हैं।

108 साल पहले आज ही के दिन गाया गया था 'जन गण मन'

यह है भारत का राष्ट्र गान

जन-गण-मन अधिनायक जय हे

भारत भाग्य विधाता ।

पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा

द्राविड़-उत्कल-बंग

विंध्य हिमाचल यमुना गंगा

उच्छल जलधि तरंग

तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे

गाहे तव जय-गाथा ।

जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता ।

जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे ।

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