- क्लब, होटल और नेचुरल प्लेसेज से जुड़े हैं दहशत के मिथक

- कई प्रॉपर्टीज को माना जाता है हॉन्टेड हाउस, न तो रेंट पर चढ़ पा रही हैं, न हो पा रही हैं सेल

- साइकोलॉजिस्ट्स का कहना, ये सब भ्रम है

देहरादून।

शहर में जगह-जगह दहशत के भूत घूम रहे हैं। एक ओर जहां मॉल्स में फन और मस्ती के लिए हॉन्टेड हाउस बनाए जा रहे हैं। वहीं शहरभर में कई ऑरिजनल हॉन्टेड प्लेस भी हैं, जहां जाने से लोग कतराते हैं। इसी तरह के खौफ के चलते दून में कुछ प्रॉपर्टीज ऐसी भी हैं, जो न तो रेंट पर चढ़ पा रही हैं और न ही सेल हो पा रही हैं।

यहां लाइट अपने आप होती है ऑन-ऑफ

राजपुर रोड पर एचटूओ क्लब हुआ करता था। जो लंबे समय तक नहीं चला तो यहां डेस्टीनेशन क्लब खुल गया और फिर बिस्टल खुला हालांकि जल्दी-जल्दी ही सब अपना सामान समेट यहां से चलते बने। आसपास के लोगों की माने तो ये हॉन्टेड हाउस है। कहा जाता है कि यहां बिजली अपने आप ऑन-ऑफ होती है, पंखे चलते लगते हैं और म्यूजिक सिस्टम भी अपने आप शुरू हो जाता है। इसलिए लोगों में खौफ है।

ऊर्जा निगम में भूत की दहशत

ऊर्जा निगम के नए एमडी ऑफिस को लेकर भी कुछ ऐसी ही चर्चा है। भूत-प्रेत की अफवाहों के चलते एमडी कार्यालय नए फ्लोर पर शिफ्ट नहीं हो पा रहा है। लोगों का कहना है कि थर्ड फ्लोर पर काम करते हुए कुछ लोग चोटिल हुए। कुछ बीमार हो गए। जिसे कि लोग सामान्य नहीं मान रहे हैं। हालांकि इस पर एमडी का साफ कहना है कि ये बेवजह की अफवाएं हैं।

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होटल के वॉशरूम में कोई है

मसूरी में लाइब्रेरी रोड स्थित एक पुराना होटल है। जिसको लेकर लोगों में इस कदर दशहत थी कि इसका नाम ही बदल दिया गया और होटल के अधिकतर हिस्से को रेनोवेट किया गया। यहां ठहरने वाले लोगों का कहना है कि रात में अचानक वॉशरूम में नल चलने लगता है। ऐसा लगता है कि कोई बाल्टी में पानी भर रहा है और फिर उसे गिरा रहा है।

यहां गूंजती हैं हजारों आवाजें

मसूरी स्थित लंबीधार माइंस में आज भी 50 हजार मजदूरों की आवाज गूंज रही हैं। इसके पास से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि यहां अंग्रेजों के जमाने में माइंस थी जहां कई मजदूरों की मौत हो गई थी। लोगों का कहना है कि आज भी यहां मजदूरों के करहाने और चिल्लानें की आवाजें आती हैं।

ये भी हैं शहर के हॉन्टेड हाउस

- कैंट एरिया में शहीद दुर्गामल्ल पार्क से 50 मीटर आगे एक खंडहर है। लोग यहां से गुजरने में डरते हैं, कहते हैं कि भीतर से कोई देख रहा है।

- एसएसपी कार्यालय के सामने कई साल पहले एक लड़की का मर्डर हुआ था। यहां से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि आज भी यहां से वो लड़की गुजरती हुई दिखती है।

- रायपुर में मालदेवता की ओर जाते हुए एक जगह पर अक्सर लोगों का एक्सीडेंट होता है। लोगों का कहना है कि यहां अंग्रेजों के समय में नेपाली मूल के लोगों को मारा गया था जो आज भी यहीं भटकते हैं।

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पितृों को करें संतुष्ट

उत्तराखंड विद्वत सभा के पूर्व उपाध्यक्ष डा। आचार्य भरत राम तिवारी के अनुसार पितृ दोष के चलते कई बार लोगों के काम बिगड़ते हैं या फिर उनमें डर जैसे भाव उत्पन्न होने लगते हैं। ये बेहद अच्छा समय है, श्राद्ध पक्ष में अपने पितृों का तर्पण कर उन्हें संतुष्ट करें। इससे सभी तरह के दोष-डर दूर होंगे।

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काउंसलिंग कर सुलझाए मामले

साइकोलॉजिस्ट डॉ। मुकुल शर्मा ने बताया कि उनके पास ऐसे केस अक्सर ही आते हैं। जिसमें व्यक्ति जिस तरह की कहानियां सुनता है, मूवी देखता है तो उसका ब्रेन उसी तरह से वर्क करने लगता है। ऐसे केसेज में उन लोगों को आध्यात्मिकता के बारे में बताते हुए ऐसी चीजों से दूर किया जाता है। ऐसे कई केसेज में लोग अब नॉर्मल हैं।

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ऐसे की काउंसलिंग

केस नंबर-1

रायपुर रोड निवासी एक महिला को उसके घरवाले काउंसलर के पास लेकर पहुंचे। महिला का कहना था कि उसे अक्सर भूत दिखते हैं। ऐसे में काउंसलर ने उसे रात को एक गिलास पानी पास रखकर सोने को कहा और बोले कि भूत ये पानी पीकर वापस चला जाएगा। महिला ने यही सोचना शुरू कर दिया और उसकी दिमागी स्थिति ठीक हो गई।

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केस नंबर-2

मोहकमपुर निवासी एक लड़की अक्सर भूत दिखने की बात करती और रात को बाल खोलकर बैठ जाती। लड़की की मां उसे काउंसलर के पास लेकर पहुंची तो पता चला कि लड़की के पिता नहीं है। ऐसे में वह बेहद इनसिक्योर फील करती हैं। यही वजह है कि उसके मन में ऐसे ख्याल आ रहे थे। काउंसलर ने लड़की को कुछ मोटीवेटेड प्रोग्राम दिए। जिसके बाद धीरे-धीरे लड़की पूरी तरह से नॉर्मल हो गई।

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हमने जब राजपुर रोड स्थित क्लब रेंट पर लिया था तो ऐसी कई बातें सुनी थी कि वहां एक लड़की की आत्मा भटकती है। हमने अपने क्लब का नाम एचटूओ से बदलकर बिस्टल रखा था। क्लब चलाने के दौरान हम लोग वहां कई बार रात को रुके लेकिन हमको ऐसा कुछ नहीं लगा।

- कपिल भाटिया, पूर्व संचालक बिस्टल क्लब