- महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाने का विरोध

- सत्याग्रह के बाद प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट

Meerut : जिन्होंने देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाया। देश को आजाद कराने में जिन्होंने अपने जीवन का सर्वस्व न्योछावर कर दिया। महात्मा गांधी के हत्यारे की मूर्ति को लगाना राष्ट्र विरोधी कार्य है। अखिल भारत हिंदू महासभा द्वारा किए जा रहे इस कार्य को पूरा नहीं होने दिया जाएगा। ये बातें लगाई जा रही इस मूर्ति को उत्तराखंड सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और राहुल-प्रियंका बिग्रेड के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने मेरठ कमिश्नरी पार्क पर सत्याग्रह के दौरान कही।

ये राष्ट्रविरोधी कृत्य है

राज्यमंत्री धीरेंद्र प्रताप अपने समर्थकों के साथ सुबह मेरठ पहुंचे। सबसे पहले मेरठ कॉलेज में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद कमिश्नरी पार्क में लगी फॉर्मर पीएम चौधरी चरण सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इसके बाद कमिश्नरी पार्क पर समर्थकों के साथ सत्याग्रह पर बैठे। उनका कहना था कि देश ही नहीं पूरी दुनिया को जीवन पर्यत अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले बापू की पुण्यतिथि पर उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की हिंदू महासभा द्वारा प्रतिमा लगाने की घोषणा राष्ट्र विरोधी और निंदनीय कृत्य है।

नहीं लगने दी जाएगी गोडसे की मूर्ति

मंत्री ने ऐलान किया कि इस राष्ट्र विरोधी घोषणा का कड़ा विरोध किया जाएगा। साथ ही देश में कहीं भी नाथूराम की प्रतिमा नहीं लगने दी जाएगी। करीब तीन घंटे तक चले सत्याग्रह के बाद मंत्री ने सिटी मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश राय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन दिया। सत्याग्रह पर कांग्रेस प्रदेश सचिव उत्तराखंड जेपी पांडेय, क्रांति मंच के केंद्रीय महामंत्री डा। अमीर सिंह, कमला पांडेय, चन्द्रवती गौड़, अनिल शर्मा, रोबिन नाथ उर्फ गोलू भाई, संजय कटारिया, शाहबाज बदर, कासिफ बदर, प्रमोद शर्मा, सुनील माल्या, केएन माल्या व अरुण कौशिक आदि मौजूद रहे।