BAREILLY:

साहूकारा स्थित नवदुर्गा मंदिर अलौकिक शक्तियों का केंद्र है। गोरक्षनाथ आश्रम से जुड़े इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1965 में ब्रह्मालीन महंत काशीनाथ ने की थी। मंदिर के महंत बताते हैं कि मां की कृपा से स्वप्न साकार हुआ है, जो नवदुर्गा मंदिर आएंगे वह मनवांछित फल पाएंगे। इसीलिए यहां 40 दिनों तक मंदिर की आरती में जो श्रद्धालु शामिल होते हैं, उनकी सभी मनोकामना मां पूरी करती हैं। नवरात्र में यहां भक्त कीर्तन करके अपना जीवन सफल बनाते हैं।

 

14 दिन तक की तपस्या

जानकारों के मुताबिक महंत एक दिन भैरो मंदिर में विश्राम कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें स्वप्न में माता दुर्गा ने दर्शन देकर नौ देवियों की स्थापना कराने आदेश दिए। इसके बाद उन्होंने मंदिर की स्थापना कराई। 14 दिन तक एक पैर पर खड़े रहकर उन्होंने तपस्या की। बसंत पंचमी के दिन मंदिर के पट खोले गए। विशाल भंडारा आयोजित करके श्रद्धालुओं को माता रानी का प्रसाद ग्रहण कराया जाता है। हरीश सेवादार ने बताया कि काफी प्रयासों के बाद रोजगार नहीं मिला था। मंदिर आकर पूजा करते करते मां का सेवक बन गया। यहां आने वाले भक्तों को कीर्तन करने, भंडारे व अन्य आयोजनों में सहयोग देता हूं।

 

भक्तों ने निर्माण में दिया सहयोग

महंत रविंद्र नाथ ने बताया कि मां से मांगी गई मनोकामना पूरी होने के बाद जो भक्त माता के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। वह मंदिर को मांगी गई मुराद के हिसाब से कुछ न कुछ अवश्य दान में देते हैं। मंदिर के घंटे, फर्श व अन्य कई सामान भक्तों ने ही उपलब्ध कराए हैं। कहा कि नवरात्र में अपार भीड़ यहां पहुंचती है। प्रसिद्व सिद्ध पीठ गोरक्षधाम गोरखपुर के महंत व वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस मंदिर की जिम्मेदारी ग्रहण करने के आदेश दिए थे। यहां आकर भक्तों के कल्याण, देश उन्नति की मां से रोज कामना करते हैं। बसंत पंचमी को बडे़ ही धूमधाम से मंदिर का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है।