हजारों बचावकर्ताओं को मजबूरन बचाव अभियान रोकना पड़ा
ग्वाटेमाला सिटी (आइएएनएस)।
ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी विस्फोट से अब तक मरने वालों की संख्या 75 हो गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि कम से कम करीब 192 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी एक बार फिर विस्फोट हुआ, जिसके चलते हजारों बचावकर्ताओं को मजबूरन बचाव अभियान रोकना पड़ा। ग्वाटेमाला के राष्ट्रीय आपदा और प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, अभी तक इस आपदा में फंसे 3265 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है और 2625 लोगों को अस्थायी शिविरों में भेज दिया गया है।

ज्वालामुखी से निकली राख
जानकारों ने बताया कि राख का गुबार आकाश में 10 किलोमीटर ऊपर तक फैल चुका था जो धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से निकली राख और अन्य पदार्थों ने एल रोडियो और सैन मिगुएल लॉस लोट्स क्षेत्र को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया और इनसे संपर्क करना मुश्किल हो गया था। एक चश्मदीद के मुताबिक विस्फोट के वक्त वह दुकान की तरफ जा रही थी और ज्वालामुखी से निकले पदार्थ से वह बाल-बाल बची। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है।

लावा में ही दब गए कई लोग
बता दें कि अल रोडियो, अलोतेनांगो और सैन मिगुएल में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं। राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने तीनों शहरों में रेड अलर्ट और पूरे देश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया। स्थिति गंभीर होने पर आपातकाल की भी घोषणा की जा सकती है। कोनराड नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के महासचिव सर्गियो कबानास ने बताया कि ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद लावा की नदी बह रही है। कई लोग लावा में ही दब गए हैं। ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

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