- अलग-अलग रूट के पास का किया गया इस्तेमाल

- 29 मई को कोलकाता से आने वाली 13019 में बुक करा दी गई थी एसी 2 बोगी

- 45 सीट के लिए दिए गए रूट के सिर्फ 8-10 पास, रेलवे विजलेंस ने शुरू की मामले की जांच

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syedsaim.rauf@inext.co.in
GORAKHPUR:
रेलवे में रिजर्वेशन और अन रिज‌र्व्ड टिकट को लेकर कई फर्जीवाड़े सामने आए हैं। इसमें मीडिएटर्स कमाकर खूब माला-माल भी हुए हैं। मगर अब रेलवे के एंप्लॉइज ही विभाग को चूना लगाने में जुट गए हैं। हाल में ही विभागीय एंप्लॉइज का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें डिफरेंट रूट के पास पर एंप्लॉइज ने पूरी बोगी ही बुक कराकर सफर कर डाला है। खास बात यह है कि यह कोई ऑफिशियल जर्नी नहीं थी, बल्कि एसोसिएशन का अधिवेशन था, जिसमें शामिल होने के लिए लोग अलग-अलग रूट के पास पर एक रूट के लिए बोगी रिजर्व कराकर जा रहे थे और विजलेंस के हाथों रंगे हाथों पकड़े गए हैं। इस मामले में विजलेंस ने जांच शुरू कर दी है।

हावड़ा रूट के लिए बुक थी बोगी
एनई रेलवे से जुड़ सोर्सेज की मानें तो रेलवे के एक एसोसिएशन के मेंबर्स का अधिवेशन हावड़ा रूट की ओर शेड्यूल्ड था। इसमें शामिल होने के लिए एनई रेलवे के एंप्लॉइज ने रिजर्वेशन कराया। मगर उन्होंने एक बड़ी गलती यह कर दी कि उस रूट के पास लिमिटेड होने की वजह से इधर-उधर के पास भी उसमें शामिल कर लिए और 45 सीट्स वाली पूरी एसी-2 की बोगी ही बुक करा ली। यहां से जाने में तो उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन वापसी उन्हें काफी भारी पड़ गई।

रास्ते में विजिलेंस की रेड
गलत पास पर सफर करने वाले एंप्लॉइज के बारे में किसी ने रेलवे के टॉल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा दी। मामला संज्ञान में आते ही विभाग में हड़कंप मच गया। मालूम हुआ कि पूरी टीम 29 मई को 13019 से लौट रही है। रेलवे की विजलेंस तत्काल हरकत में आई और उन्होंने छपरा में ट्रेन में रेड मार दी। मरता क्या न करता, सभी एंप्लॉइज रंगे हाथों पकड़े गए। विजलेंस ने सभी एंप्लॉइज के पास जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है। विभागीय सोर्सेज की मानें तो 45 में से 8 या 10 पास ही रूट के थे, बाकी इधर-उधर के पास लेकर रिजर्वेशन कराया गया था।

डेढ़ लाख है टिकट की कीमत
गोरखपुर से आने और जाने के लिए बोगियां बुक कराई गई थीं, इसमें संस्था के पदाधिकारी ने बकायदा लेटर हेड पर अप्लीकेशन भी दी थीं। अगर आंकड़ों पर निगाह डालें तो एसी टू के एक कोच में 45 सीट्स होती हैं और हर सीट के रिजर्वेशन के लिए 1650 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। यानि कि एक तरफ आने के लिए 74250 रुपए खर्च किए जाते, जबकि वापसी के लिए भी इतने ही पैसे खर्च होते, लेकिन पास की वजह से एक पैसा भी नहीं लगा और 148500 रुपए रेलवे को चूना लगाया गया।

अगर कोई गलत रूट के पास पर सफर करता है तो यह दंडनीय अपराध है। अगर जांच में वह दोषी पाए जाते हैं तो टर्मिनेशन की कार्रवाई भी की जा सकती है।
- संजय यादव, सीपीआरओ, एनईआर