- मंडुवाडीह में रेलवे लाइन के किनारे रोड पर मिला एक दिन के मासूम का शव

- पुलिस ने भी इंसानियत को किया शर्मसार, सीमा विवाद में छह घंटे तक पड़ा रहा बच्चे का शव

VARANASI : पहले प्यार किया और फिर समाज के बंधनों को तोड़ सभी हद पार कर जब एक मासूम को जन्म दे दिया तो फिर समाज से ही छुपाने के लिए पहले उसे मारा और फिर फेंक दिया रेलवे लाइन के किनारे कुत्तों का निवाला बनने के लिए। घटना है मंडुवाडीह रेलवे लाइन के पास की। यहां एक दिन के शिशु की हत्या कर रेलवे लाइन के पास सड़क किनारे उसके शव को फेंक दिया गया। अवैध संबंधों की बलि चढ़े मासूम के माता-पिता ने तो निर्दयता की हद पार की ही लेकिन पुलिस ने इन निर्दयी मां-बाप को भी पीछे छोड़ दिया और सीमा विवाद के पचड़े में शिशु का शव सड़क किनारे छह घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा।

चादर में पड़ा था बच्चा

मंडुवाडीह और सिगरा के बॉर्डर पर बसी जल विहार कॉलोनी के बाहर सड़क के किनारे मटमैले चादर के पास दोपहर में कुत्तों को मंडराता देख एक राहगीर को डाउट हुआ और उसने कुत्तों को भगाने के बाद चादर के एक सिरे से बच्चे का पैर निकला देखा। ये देख उसने चादर हटाई और चादर हटते ही राहगीर की रूह कांप गई। चादर में लपटे नवजात का शरीर नीला पड़ चुका था और नाक-कान-मुंह से खून रिस रहा था। राहगीर ने ये देख इसकी सूचना रेलवे पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही कुछ ही देर में आरपीएफ के जवान पहुंच गए और शव को देखते ही कहा कि यह तो मासूम की हत्या की गई है।

फिर नहीं पसीजा दिल

मासूम की हत्या की बात कहने के बाद भी आरपीएफ के जवानों ने आगे कर कार्रवाई शुरू नहीं की और पंचनामा और पोस्टमार्टम कराने में खुद को असमर्थ बताते हुए इसकी सूचना मंडुवाडीह पुलिस को दी। मोबाइल पर लोकेशन जानने के बाद मंडुवाडीह पुलिस ने मामला सिगरा पुलिस के क्षेत्र में कहकर पल्ला झाड़ लिया और शव रोड पर ही पड़ा रहा। काफी देर तक जब मौके पर मंडुवाडीह पुलिस नहीं पहुंची तो शाम लगभग चार बजे सिगरा पुलिस मौके पर पहुंच गई और डेड बॉडी को देख उसे मंडुवाडीह पुलिस क्षेत्र में बता दिया। काफी देर तक दो थानों की इस पंचायत को देख रहे आरपीएफ के जवानों ने स्पॉट नहीं छोड़ा और जब देर शाम मंडुवाडीह पुलिस मौके पर नहीं पहुंची तो सिगरा पुलिस ने थक हार कर शिशु के शव को अपने थाने क्षेत्र में मानते हुए उसके पंचनामे की कवायद शुरू कर शव कब्जे में लिया।

डीजीपी का भी डर नहीं

पुलिस के अंदर लगता है अब अपने सबसे बड़े अधिकारी डीजीपी का भी डर नहीं रहा है। तभी तो पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। पिछले दिनों डीजीपी ने स्पष्ट आदेश दिया था कि दुर्घटना, हत्या आदि के मामलों में सीमा विवाद कोई थाना नहीं करेगा। जिस थाने की पुलिस पहले पहुंचेगी वह मामले को देखेगी और बाद में सीमा विवाद सुलझने पर केस संबंधित थाने को स्थानांतरित करेगी। बावजूद इसके दोनों थाने सीमा विवाद में फंसे रहे।