घबराइए नहीं, ऐसा सच में नहीं हो रहा है, ऐसा हो रहा है राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और दिल्ली आपदा प्रबंधन के एक बड़े मॉक ड्रिल में। बुधवार को 11 बजे से ये मॉक ड्रिल दिल्ली में कई जगह हो रहा है।

सरकारी एजेंसियों के अनुसार इन 'राहत कार्यों' में 50 हज़ार लोग शामिल हैं, इनमें सरकारी कर्मचारी के अलावा वोलेन्टियर्स भी हैं। इस मॉक ड्रिल में उच्च तीव्रता वाले भूकंप की स्थिति में आपदा प्रबंधन की परख की जा रही है। इस अभ्यास में, लाजपत नगर, मालवीय नगर, डिफेंस कॉलोनी, कालकाजी, साकेत, शेख सराय और हौज खास शामिल हैं।

एक्शन प्लान

सभी सरकारी स्कूल इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। सिर्फ़ दक्षिणी दिल्ली में 300 सरकारी स्कूल हैं.
इस अभ्यास में छह कॉलेज भी हिस्सा ले रहे हैं। ये कॉलेज हैं- देशबंधु कॉलेज (कालका जी), आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज (कालका जी), पीजीडीएवी (लाजपत नगर), लेडी श्रीराम (लाजपत नगर), कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडिज (शेख सराय) और अरबिंदो कॉलेज। इन जगहों पर भूकंप के कारण इमारतें गिरने की परिस्थितियाँ तैयार की गई हैं.
तीन रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन भी इस मॉक ड्रिल में हिस्सा ले रहे हैं। यहाँ भी पाँच-छह इमारतों के गिरने की परिस्थितियाँ तैयार की गई हैं। ये रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन हैं- आइडियल वेलफेयर एसोसिएशन, शाहीन बाग, ए-संगम विहार एसोसिएशन, संगम विहार और छतरपुर पहाड़ी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन.
दो मार्केट कालकाजी (कालकाजी मार्केट) और डिफेंस कॉलोनी (सेंट्रल मार्केट लाजपत नगर) में भी ये अभ्यास हो रहा है। इसके अलावा एक शॉपिंग मॉल हौज खास के सेलेक्ट सिटी शॉपिंग मॉल में भी ये मॉक ड्रिल हो रही है। यहाँ भी भूकंप के बाद इमारतों के गिरने की परिस्थितियाँ तैयार की गई हैं.
दो सीएनजी स्टेशन कालकाजी (ओखला-1, सीएनजी स्टेशन) और हौज खास (बीआरटी सीएनजी स्टेशन) में भी ये अभ्यास हो रहा है। यहाँ भूकंप के बाद स्टेशन पर आग लगने की परिस्थितियाँ तैयार की गई हैं.
दो सरकारी अस्पतालों (कालकाजी में मदन मोहन मालवीय अस्पताल और हौज खास में सब डिविजन अस्पताल) और दो बड़े प्राइवेट अस्पताल (मूलचंद और बत्रा) भी अभ्यास का हिस्सा हैं.
तीन सरकारी कार्यालयों में भी ये अभ्यास हो रहा है। ये हैं- एमटीएनल ऑफ़िस, तुगलकाबाद, दिल्ली जल बोर्ड, लाजपत नगर और बीएसईएस, अधचिनी, हौज खास.
इस अभ्यास के लिए तीन राहत केंद्र तैयार किए गए हैं। ये हैं- पीजी़डीएवी कॉलेज, लाजपतनगर, तुलसी बाल विद्यालय, छतरपुर और बाल निकेतन स्कूल, संगम विहार। इन केंद्रों पर घटना में प्रभावित हुए लोगों को लाया जाएगा। इन केंद्रों पर मृत और गंभीर रूप से घायलों को नहीं लाया जाएगा.
एक मेट्रो स्टेशन जो इस मॉक ड्रिल में हिस्सा लेगा, वो है छतरपुर मेट्रो स्टेशन.

मक़सद

दिल्ली सरकार में आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त सचिव कुलदीप सिंह गंगर ने बीबीसी के साथ विशेष बातचीत में कहा, "इसका मकसद ये है कि किसी तरह की आपदा से लड़ने के लिए या उसके प्रबंधन के लिए हम खुद को भी तैयार करें। इसमें बहुत सारे विभाग है। दिल्ली फायर सर्विस, दिल्ली पुलिस, अस्पताल, एम्बुलेंस, जिला प्रशासन भी हैं। ऐसे अभ्यास का मकसद होता है लोगों को जागरुक करना। अगर हम लोगों को जागरुक कर पाएँ और उनकी हिस्सेदारी बढ़ा पाए, तो यही हमारी सबसे बड़ी सफलता होगी."

जिस मॉक ड्रिल की तैयारी है, उसके तहत दिल्ली में रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप और उसके बाद उसके असर की परिस्थितियाँ तैयार की गई हैं। इस भूकंप के बाद कई स्कूल की इमारतें गिर गई हैं, पेट्रोल स्टेशन में आग लग गई है। और तो और ला लीना प्रभाव के कारण शहर में भारी बारिश भी हो रही है। इसके बाद कई एजेंसियाँ सक्रिय होंगी और फिर लोगों को निकालने और अस्पताल में भर्ती कराने का अभ्यास होगा।

कुलदीप सिंह बताते हैं कि इस अभ्यास में पूरी दिल्ली के नौ जिले प्रभावित होंगे। एक हजार से ज़्यादा जगह में ये अभ्यास हो रहा है। सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, अस्पताल, कुछ सिनेमा हॉल, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, सरकारी इमारत, मार्केट एसोसिएशन, पेट्रोल पंप, मॉल, मेट्रो स्टेशन, सीएनजी स्टेशन, होटल और जेजे कॉलोनी भी इस अभ्यास में शामिल किए जा रहे हैं।

इस बड़े पैमाने पर होने वाले अभ्यास के बाद इसकी समीक्षा भी की जाएगी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक इसका मकसद ये भी पता लगाना है कि सरकारी तंत्र की प्रशिक्षण में कहाँ-कहाँ कमियाँ हैं और उसे कहाँ सुधारा जा सकता है। लोगों की भागीदारी कितनी हुई, कितने इलाक़ों में इसे और करना बाक़ी है।

कुलदीप सिंह गंगर के मुताबिक़ दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पहले से ही इस पूरे अभ्यास पर नज़र रखे हुए हैं। जबकि अभ्यास के बाद समीक्षा बैठक में दिल्ली के उप राज्यपाल के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन भी शामिल होंगे।

International News inextlive from World News Desk