गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफार्म पर यात्री चढ़ रहे सीढ़ी

अंधेरे में डूबा स्केलेटर, रात में आवागमन में लग रहा डर

GORAKHPUR: रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगी नई लिफ्ट एक पखवारे भी ठीक से नहीं चल सकी। पांच मई को रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने एक कार्यक्रम में लिफ्ट का शुभारंभ रिमोट से किया था। लिफ्ट मैन की कमी और समुचित देखभाल के अभाव में प्लेटफार्म पर लगे लिफ्ट में करोड़ों रुपए का खर्च बेकार हो जा रहा है। शुक्रवार शाम दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने प्लेटफार्म पर लगी लिफ्ट का हाल देखा तो हकीकत सामने आई। तीन करोड़ की लागत से लगी सात लिफ्ट में पांच खराब थीं।

देखभाल के अभाव में बिगड़ रही बात

गोरखपुर जंक्शन पर यात्रियों की सुविधा के लिए सात नई लिफ्ट लगाई गई है। पांच मई को नियमित हमसफर का शुभारंभ करने के दौरान रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने विभिन्न योजनाओं संग लिफ्ट का उद्धाटन भी किया था। एक पखवारे भी नहीं बीते कि स्टेशन पर लगी लिफ्ट खराब होने लगी। शुक्रवार को लोगों ने लिफ्ट के खराब होने की शिकायत यात्रियों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से की।

यहां खराब मिली लिफ्ट

प्लेटफार्म नंबर एक- कैब वे पर लगी लिफ्ट संख्या 04

प्लेटफार्म नंबर नौ- पश्चिमी छोर पर लगी लिफ्ट 03

प्लेटफार्म नंबर नौ - प्लेटफार्म के बीच में लगी लिफ्ट 02

प्लेटफार्म नंबर सात-आठ पूर्वी छोर लगी लिफ्ट खराब

प्लेटफार्म नंबर पांच - छह- पूर्वी छोर पर लगी लिफ्ट खराब

सिर्फ यहां संचालित हो रही थी लिफ्ट

प्लेटफार्म नंबर नौ - पूर्वी छोर पर लगी लिफ्ट संख्या 01

प्लेटफार्म नंबर तीन-चार- पूर्वी छोर पर लगी लिफ्ट चल रही थी.

बॉक्स

अंधेरे में डरा रही स्वचालित सीढ़ी

प्लेटफार्म नंबर दो से जुड़ी, एसी लाउंज के पास लगा एक्सेलेटर अंधेरे में डूबा हुआ था। प्लेटफार्म नंबर तीन-चार, पांच-छह, सात-आठ और नौ से चलकर आने वाले यात्रियों को स्केलेटर से उतरने में प्रॉब्लम हो रही थी। प्लेटफार्म पर ट्रेन पकड़ने वाले यात्री भी अंधेरे की वजह से सीढि़यों पर चढ़ने से डर रहे थे। सबसे ज्यादा महिलाओं को उठानी पड़ रही थी। अंधेरे में सीढि़यों के चढ़ने के दौरान सैंडल और साड़ी फंसने के डर से वह स्केलेटर यूज रही कर रही थीं। अंधेरा होने से कई यात्री व्यवस्था को लेकर खरी-खोटी सुनाते हुए आवागमन कर रहे थे।

प्लेटफार्म पर यात्रियों की सुविधा के लिए लिफ्ट लगाई गई है। लेकिन लोग गलत तरीके से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। पब्लिक की लापरवाही से लिफ्ट खराब हो जा रही है। लिफ्ट चलाने के लिए कोई स्टॉफ नहीं रखा जाता है। पैंसेजर खुद ही इसे ऑपरेट करते हैं। यदि कोई लिफ्ट खराब होने की सूचना मिलती है तो उसे तत्काल ठीक कराया जाता है। आप की सूचना पर इसे ठीक कराने का निर्देश दिया जा रहा है। स्केलेटर की लाइट्स बुझने की जानकारी नहीं थी। कोई खराबी होगी तो उसे भी ठीक करा दिया जाएगा।

संजय यादव, सीपीआरओ, एनईआर