-2014 चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नंदी को मिले थे एक लाख से अधिक वोट

-इस बार पचास हजार के आंकड़े पर भी नही पहुंचे प्रत्याशी

PRAYAGRAJ: महज पांच साल में इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस गर्त में पहुंच गई. 2014 चुनाव में भाजपा के वर्तमान कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी कांगे्रस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उन्होंने स्थान चौथा प्राप्त किया था लेकिन वोट एक लाख से अधिक प्राप्त किया था. इस बार कांगे्रेस प्रत्याशी को तीसरा स्थान मिला लेकिन वोट पचास हजार भी नही मिले. यहां तक कि जमानत जब्त होने की नौबत आ गई है.

तब और अब में अंतर

शहर दक्षिणी में भाजपा से जीतकर कैबिनेट मंत्री बने नंदी को पिछले लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने इलाहाबाद सीट से अपना प्रत्याशी चुना था. इस चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी. नंदी को 102385 वोट से संतोष करना पड़ा था. लेकिन हार भी सम्मानजनक थी. लेकिन पांच साल बाद इस बार योगेश शुक्ला इलाहाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी थे और उन्हे चुनाव में महज 31953 वोट मिले. यह पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिले वोट का एक तिहाई से कम था.

रीता के खाते में चले गए वोट?

हालांकि बारा और कोरांव में भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को एक-एक लाख से अधिक वोट मिले हैं. तीसरे नंबर पर करछना रहा. जबकि शहर दक्षिणी में चौथे नंबर पर भाजपा को 98470 वोट मिले हैं. यह 2014 में कांग्रेस को मिले वोट से महज चार हजार कम हैं. जबकि इसी विधानसभा से कांग्रेस के योगेश शुक्ला को 11517 और सपा-बसपा प्रत्याशी राजेंद्र पटेल को 47357 वोट मिले हैं. हालांकि इस बार चुनाव में इलाहाबाद दक्षिणी में सबसे कम वोट पड़े थे. जिसके वोटिंग परसेंटेज को लेकर खुद चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई थी. उधर सपा-बसपा का प्रदर्शन मेजा और करछना में अन्य विधानसभाओं से बेहतर रहा.