-मिथेन गैस का रिसाव जारी, रामगढ़ की चुटूपालू घाटी के दोनों ओर खड़ी हैं हजारों गाडि़यां

-घटनास्थल पर मौजूद है इंडियन ऑयल और एनडीआरएफ की टीम

-बस में लगी आग में 22 झुलसे, उपायुक्त ने कहा, किसी की नहीं हुई मौत

-एंबुलेंस में ही जलकर राख हो गया था रिम्स से गिरिडीह जा रहा शव

रांची : एनएच-33, झारखंड की लाइफलाइन। राजधानी रांची को रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, चतरा, गिरिडीह, धनबाद के साथ ही बिहार और वहां की राजधानी पटना को जोड़नेवाली इस सड़क पर 24 घंटे से आवागमन ठप है। कारण यह है कि फोरलेन की चुटूपालू घाटी में सोमवार की रात एक टैंकर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कई गाडि़यां आपस में टकरा गईं और टैंकर में आग लग गई थी। सोमवार रात नौ बजे के बाद से मंगलवार को देर शाम तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था और आवागमन पूरी तरह से ठप रहा।

जहां-तहां खड़ी थीं गाडि़यां

एनएच-33 पर जाम लगने के कारण हजारों वाहन सड़क के दोनों ओर खड़े थे और लोग जाम खुलने का इंतजार कर रहे थे। प्रशासन की ओर से एहतियात के तौर पर दोनों तरफ से गाडि़यों को डायवर्ट किया जा रहा था। रांची और जमशेदपुर से जानेवाली छोटी गाडि़यों को सिकिदिरी -गोला की ओर डायवर्ट किया जा रहा था, जबकि रामगढ़ की ओर से आनेवाली छोटी गाडि़यों को पतरातू डायवर्ट किया जा रहा था। पूरे दिन चले इस रूट डायवर्सन में आम पब्लिक परेशान होती रही। जाम के कारण सिर्फ रांची ही नहीं जमशेदपुर से भी पटना या रामगढ़ की ओर जानेवाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

देर रात आग पर काबू, गैस का रिसाव जारी, आवागमन ठप

एनएच-33 फोरलेन स्थित चुटूपालू घाटी में दुर्घटनाग्रस्त इंडेन गैस टैंकर 22 घंटे तक धधकता रहा। सोमवार रात नौ बजे इसमें आग लगी, मंगलवार की रात बुझ गई। हालांकि टैंक से मिथेन गैस का रिसाव अभी भी हो रहा है, जिस कारण आवागमन देर रात तक शुरू नहीं हो सका है।

एनडीआरएफ की टीम मौजूद

इंडियन ऑयल जमशेदपुर और बोकारो की टीम के साथ एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर जमी हुई है। ऐसी आशंका थी कि टैंकर में ब्लास्ट हो सकता है, लेकिन अब आग बुझने से टीम को थोड़ी राहत मिली है। उम्मीद की जा रही है कि मंगलवार की देर रात या बुधवार की सुबह इस रूट पर परिचालन शुरू किया जा सकता है। सोमवार की दोपहर एक वैन में टक्कर मारने के बाद गैस टैंकर पलट गया था और रात में इसमें आग लग गई थी।

क्या हुआ था सोमवार की रात

चुटूपालू में टैंकर पलटने के बाद गैस का रिसाव हो रहा था। इसी बीच सोमवार की रात लगभग 9 बजे 250 मीटर दूरी पर बस सहित पांच वाहनों के बीच टक्कर हो गई, जिससे टैंकर में आग लग गई। इस दुघर्टना में किसी की मौत तो नहीं हुई लेकिन 22 बस सवार घायल हो गए। एसी बस रांची से साहेबगंज जा रही थी। वहीं, हादसे की चपेट में एक शव लदा एंबुलेंस भी आ गया जिससे गिरिडीह ले जाया जा रहा शव जल कर राख हो गया। देर रात राहत कार्य चलाते हुए आशीर्वाद बस पर सवार घायलों और अन्य हताहतों को रामगढ़ सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया। इसमें से गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को इलाज के लिए राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) रेफर किया गया। रिम्स में दो की हालत गंभीर है। मंगलवार को घटनास्थल पर देर रात तक एनएचएआइ के आरएम गौतम कुमार, पीडी अजय कुमार, एसडीपीओ राधा प्रेम किशोर, डीटीओ संजीव कुमार, सीओ अमृता कुमारी व थाना प्रभारी राजेश कुमार आदि डटे रहे।

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एंबुलेंस में जलकर राख हो गई पिता की लाश

रांची : गिरिडीह के बिरनी प्रखंड की पडरमनिया पंचायत के इस्लाम अंसारी के लिए सोमवार का दिन मनहूस साबित हुआ। पिता मनसुद्दीन मियां का शव एंबुलेंस में चुटुपालू में हुए हादसे में जल गया, वहीं मां हसीना बीबी और फूफा अब्दुल गफूर 80 फीसद झुलस गए। इस्लाम ने बताया कि पिता मनसुद्दीन मियां का टायफायड और मलेरिया के इलाज के दौरान रिम्स में निधन हो गया था। यहां से सोमवार को गिरिडीह के लिए एंबुलेंस में पिता का शव लेकर पांच बजे निकले। मां हसीना बीबी और फूफा अब्दुल गफूर भी साथ थे। चुटुपालू से गुजरने के दौरान अचानक आवाज आने लगी और सामने पलटे टैंकर से धुआं निकलने लगा। उन्हें कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करें। वह पीछे बैठे थे। घटना के वक्त उनकी मां हाथ पकड़कर बोली-यहीं रहो, कहीं मत जाओ। लेकिन वह बात नहीं मानते हुए तुरंत पीछे का शीशा फोड़कर बाहर निकले। निकलते ही एक झाड़ में गिर गए। इस्लाम मियां ने मां को निकालना चाहा, लेकिन निकाल नहीं पाए। सड़क के किनारे गढ्डे में जान बचाने के लिए छिप गए। जब पीछे मुड़कर देखा तो एंबुलेंस धू-धूकर जल रही थी। उनका भाई बहादुर अंसारी भी आगे ड्राइवर की बाएं साइड में बैठा था और वह भी वैन से बाहर कूद गया था। बहादुर अंसारी ने भी आपबीती सुनाते हुए कहा कि हादसे से पहले सामने से एक ट्रक अचानक धड़धड़़ाते हुए आया और रोड के पार्टिशन को तोड़ते हुए आगे जा रही बस से भिड़ गया। इसी क्रम में अचानक टैंकर से भी धुआं रिसने लगा। ड्राइवर मौका देखते ही भाग गया। वह लोग कुछ समझ नहीं पाए। उन्हें लगा कि पिताजी तो चले ही गए। अब मां और फूफा भी नहीं बचेंगे।