- कानपुर से पकड़ा गया था हिजबुल आतंकी कमरुज्जमा उर्फ डॉक्टर हुरैरा

- राजधानी की एनआईए स्पेशल कोर्ट में दो आतंकियों पर चार्जशीट दाखिल

- किश्तवाड़ निवासी तीसरा आरोपी ओसामा बिन जावेद चल रहा है फरार

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LUCKNOW: कानपुर को दहलाने की साजिश रचने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमा उर्फ डॉक्टर हुरैरा और असम के होजाई निवासी सईदुल हुसैन उर्फ इब्राहिम जमां के खिलाफ नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को राजधानी स्थित एनआईए की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट में इस मॉड्यूल के तीसरे सदस्य कश्मीर के किश्तवाड़ निवासी ओसामा बिन जावेद को फरार बताया गया है। ध्यान रहे कि कमरुज्जमा व अन्य के खिलाफ यूपी एटीएस ने विगत 12 सितंबर 2018 को केस दर्ज किया था। उस पर आरोप था कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर यूपी में आतंकी हमले करने की साजिश रच रहा है। इस मामले के तार कश्मीर और असम से जुडऩे के बाद एनआईए ने दस दिन बाद इस केस को टेकओवर कर लिया था। एनआईए अभी इस मामले की जांच कर रही है।

नौ महीने तक ली ट्रेनिंग

एनआईए की जांच में सामने आया था कि कमरुज्जमा और सईदुल हुसैन ने हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन में शामिल होने के बाद जून 2017 से मार्च 2018 तक हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी। इन दोनों को हिजबुल आतंकी किश्तवाड़ निवासी मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर व हजारी उर्फ रियाज अहमद ने जंगलों में ट्रेनिंग दी। इसके बाद कमरुज्जमा को यूपी और असम में जाकर पनाहगाह बनाने और आतंकी हमले करने के लिए टारगेट तलाशने का काम सौंपा गया। वहीं 8 अप्रैल 2018 को सोशल मीडिया पर एके-47 राइफल लिए कमरुज्जमा की फोटो वायरल हुई। यह तस्वीर हिजबुल आतंकी मन्नान वानी अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट की थी। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इस पूरे माड्यूल की तलाश शुरू कर दी। पकड़े जाने के डर से कमरुज्जमा बांग्लादेश भाग गया हालांकि सईदुल हुसैन और हिजबुल के कश्मीर के ऑपरेशनल कमांडर रियाज नाइकू से ब्लैकबेरी मैसेंजर से संपर्क बना रहा। बीते वर्ष अगस्त माह में वह वापस आया और कुछ दिन तक असम में छिपकर अपनी गतिविधियां अंजाम देता रहा। सईदुल और रियाज के कहने पर वह 25 अगस्त को कानपुर आया जहां उसे कुछ मंदिरों में धमाके अंजाम देने का काम सौंपा गया था। इसके लिए वह हथियार और विस्फोटक जमा कर रहा था पर एटीएस की निगाहों से नहीं बच पाया और पकड़ लिया गया।   

सिद्धी विनायक मंदिर था निशाना

जांच में यह भी सामने आया था कि कमरुज्जमा कानपुर के कलेक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर को निशाना बनाने की फिराक में था। उसके मोबाइल में मंदिर की करीब साढ़े पांच मिनट की वीडियो क्लिप भी मिली थी। वह गणेश उत्सव के दौरान धमाका करने की तैयारी में था। इस दौरान वह चकेरी स्थित शिवनगर में किराए का मकान लेकर पनाह लिए था। उसने खुद को मोबाइल टॉवर इंजीनियर बताया था। एटीएस की पूछताछ में कमरुज्जमा ने बताया था कि वह वर्ष 2008 से 2012 तक फिलीपींस के निकट स्थित आइलैंड रिपब्लिक ऑफ पलाऊ में स्टोर हेल्पर का काम करता था। इसके बाद वह कश्मीर चला गया थाए जहां 2016 में ओसामा के संपर्क में आया। जल्द ही उसके पास कश्मीर से एके-47 राइफल भी आने वाली थी। इस दौरान वह लखनऊ भी आया था। वहीं एटीएस की सूचना पर असम पुलिस ने होजई जिले से सईदुल आलम और शाहनवाज को भी गिरफ्तार किया था। शाहनवाज ने कमरुज्जमा को स्मार्ट फोन मुहैया कराया था।

फैक्ट फाइल

- 2008 से 2012 तक फिलीपींस में स्टोर हेल्पर था कमरुज्जमा

- 2017 से मार्च 2018 तक किश्तवाड़ के जंगलों में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली

- 8 अप्रैल 2018 को फेसबुक पर एके-47 राइफल लिए कमरुज्जमा की फोटो वायरल

- 25 अगस्त को आतंकी हमला करने के मकसद से असम से कानपुर आया कमरुज्जमा

- 12 सितंबर को एटीएस ने कानपुर के शिवनगर से कमरुज्जमा को किया गिरफ्तार

- 24 सितंबर को एनआईए ने एटीएस से केस को किया टेकओवर, शुरू की जांच

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