हर सुबह रहता है इंतजार

Allahabad: सिटी का एक ऐसा एरिया है जहां के लोगों को हर सुबह एक शख्स का इंतजार बेसब्री से रहता है। यह इंतजार वह पिछले नौ महीनों से कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम का बेपरवाह सिस्टम उनका यह इंतजार खत्म नहीं कर रहा है। यह एरिया करबला का गोविंद नगर है। यहां के लोग पिछले नौ महीने से मार्निंग में आने वाले सफाईकर्मी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन इनके एरिया की साफ-सफाई करने के लिए कोई भी नहीं आता है। पब्लिक की कंप्लेंट पर संडे को आई नेक्स्ट वहां पहुंचा तो यकीनन यहां के हालात किसी नर्क से कम नहीं है। सड़कों पर गंदगी जमी हुई है, नालियां जाम है और चौराहों पर कूड़े के ढेर लगे हुए है. 

जरा जान लीजिए इस एरिया का हाल 
गोविंद नगर की हालत ऐसी है कि लगता है कि यह सिटी का हिस्सा ही न हो। नाली का पानी सड़कों पर आ जाता है। नाली बजबजा रही है। कूड़े का ढेर जगह-जगह लगा हुआ है। स्थिति यह है कि सुबह हो या शाम एरिया के लोग घर के दरवाजा व खिड़कियां खोलने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। क्योंकि थोड़ी ही देर में हवा के झोंके के साथ पूरे घर में कड़ा भर जाता है। गंदगी और बदबू के चलते लोगों ने छतों पर जाना ही छोड़ सा दिया है। भीषण गर्मी में भी लोग कूलर नहीं चलाते हैं, क्योंकि बाहर की बदबू तुरंत घर में आ जाती है। निगम के बर्ताव से लोग इतने दुखी हो गए है कि अब वो कहने लगे हैं कि लगता है कि यह एरिया नगर निगम के नक्शे में ही नहीं हो.

आखिर मनुहार की भी तो हद होती है
एरिया के विनोद कुमार अग्रवाल कहते हैं कि नगर निगम इलेक्शन के बाद सभी ने निगम ऑफिसर्स से जाकर रिक्वेस्ट की थी कि एक सफाई कर्मी एरिया में डिप्यूट कर दे। सुनवाई हुई तो एक सफाईकर्मी को एरिया में लगाया गया। लेकिन एक महीना बाद ही उसका रिटायरमेंट हो गया। उसके बाद फिर कई बार निगम ऑफिसर्स से रिक्वेस्ट किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। स्थिति यह है कि जब एरिया के हालात बद से बदतर होने लगते हैं तो एरिया के लोग प्राइवेट सफाईकर्मी से पैसा देकर सफाई करवाने को मजबूर होते हैं. 

जब कुछ देते नहीं तो हाउस टैक्स क्यों लेते हैं? 
एरिया के लोगों का सवाल है जब हमारे एरिया में सफाई कर्मी नहीं देते हैं तो फिर नगर निगम टैक्स क्यों वसूलता है? हम लोग बराबर हाउस टैक्स देते हैं उसके बाद भी सुविधाएं नहीं दे रहा है। निवासी वीके श्रीवास्तव कहते हैं कि एक तो यहां पर गंदगी भरी हुई है, दूसरा आसपास गेस्ट हाउस है। शादी के सीजन में उनकी गंदगी भी डेली जमा होकर जिंदगी को और मुश्किल कर देती है. 

गोविंदनगर में सफाईकर्मी की बीट लंबे अर्से से खाली चल रही है। नगर निगम ऑफिसर्स से कई बार कहा गया है और लेटर भी लिखा गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। जब ज्यादा कूड़े का ढेर लग जाता है तो फिर रिक्वेस्ट पर निगम एडमिनिस्ट्रेशन कूड़ा उठाने की गाड़ी भेज देता है। महीने में एक बार से ज्यादा गाड़ी भी नहीं भेजी जाती है. 
-राजेश कुशवाह, पार्षद, गोविंद नगर 

यहां की नालियां महीनों से जाम पड़ी हुई है। जिस कारण हर मौसम संक्रमण बीमारी के फैलने का खतरा बना रहता है। हर हफ्ते में पूरे मोहल्ले के लोग पैसा जोड़कर प्राइवेट कर्मी से सफाई करवाने को मजबूर है. 
-वीके श्रीवास्तव 

मैं हर्ट का पेशेंट हूं। मन करता है कि सुबह शाम घर की छत पर व बाहर बैठू। लेकिन बदबू के कारण दरवाजा खोलने तक की हिम्मत नहीं होती है। आखिर समझ में नहीं आता है कि कब तक अपनी जेब से पैसा देकर सफाई करवाते रहे. 
-विनोद कुमार अग्रवाल 

इस एरिया में बीट का सफाईकर्मी नहीं लगा है। ऐसी जानकारी मेरे पास नहीं है। अगर ऐसा है तो जल्द ही इस प्रॉब्लम को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. 
-नगर आयुक्त 
जरा जान लीजिए इस एरिया का हाल 

गोविंद नगर की हालत ऐसी है कि लगता है कि यह सिटी का हिस्सा ही न हो। नाली का पानी सड़कों पर आ जाता है। नाली बजबजा रही है। कूड़े का ढेर जगह-जगह लगा हुआ है। स्थिति यह है कि सुबह हो या शाम एरिया के लोग घर के दरवाजा व खिड़कियां खोलने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। क्योंकि थोड़ी ही देर में हवा के झोंके के साथ पूरे घर में कड़ा भर जाता है। गंदगी और बदबू के चलते लोगों ने छतों पर जाना ही छोड़ सा दिया है। भीषण गर्मी में भी लोग कूलर नहीं चलाते हैं, क्योंकि बाहर की बदबू तुरंत घर में आ जाती है। निगम के बर्ताव से लोग इतने दुखी हो गए है कि अब वो कहने लगे हैं कि लगता है कि यह एरिया नगर निगम के नक्शे में ही नहीं हो।

आखिर मनुहार की भी तो हद होती है

एरिया के विनोद कुमार अग्रवाल कहते हैं कि नगर निगम इलेक्शन के बाद सभी ने निगम ऑफिसर्स से जाकर रिक्वेस्ट की थी कि एक सफाई कर्मी एरिया में डिप्यूट कर दे। सुनवाई हुई तो एक सफाईकर्मी को एरिया में लगाया गया। लेकिन एक महीना बाद ही उसका रिटायरमेंट हो गया। उसके बाद फिर कई बार निगम ऑफिसर्स से रिक्वेस्ट किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। स्थिति यह है कि जब एरिया के हालात बद से बदतर होने लगते हैं तो एरिया के लोग प्राइवेट सफाईकर्मी से पैसा देकर सफाई करवाने को मजबूर होते हैं. 

जब कुछ देते नहीं तो हाउस टैक्स क्यों लेते हैं? 

एरिया के लोगों का सवाल है जब हमारे एरिया में सफाई कर्मी नहीं देते हैं तो फिर नगर निगम टैक्स क्यों वसूलता है? हम लोग बराबर हाउस टैक्स देते हैं उसके बाद भी सुविधाएं नहीं दे रहा है। निवासी वीके श्रीवास्तव कहते हैं कि एक तो यहां पर गंदगी भरी हुई है, दूसरा आसपास गेस्ट हाउस है। शादी के सीजन में उनकी गंदगी भी डेली जमा होकर जिंदगी को और मुश्किल कर देती है. 

गोविंदनगर में सफाईकर्मी की बीट लंबे अर्से से खाली चल रही है। नगर निगम ऑफिसर्स से कई बार कहा गया है और लेटर भी लिखा गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। जब ज्यादा कूड़े का ढेर लग जाता है तो फिर रिक्वेस्ट पर निगम एडमिनिस्ट्रेशन कूड़ा उठाने की गाड़ी भेज देता है। महीने में एक बार से ज्यादा गाड़ी भी नहीं भेजी जाती है. 

-राजेश कुशवाह, पार्षद, गोविंद नगर 

यहां की नालियां महीनों से जाम पड़ी हुई है। जिस कारण हर मौसम संक्रमण बीमारी के फैलने का खतरा बना रहता है। हर हफ्ते में पूरे मोहल्ले के लोग पैसा जोड़कर प्राइवेट कर्मी से सफाई करवाने को मजबूर है. 

-वीके श्रीवास्तव 

मैं हर्ट का पेशेंट हूं। मन करता है कि सुबह शाम घर की छत पर व बाहर बैठू। लेकिन बदबू के कारण दरवाजा खोलने तक की हिम्मत नहीं होती है। आखिर समझ में नहीं आता है कि कब तक अपनी जेब से पैसा देकर सफाई करवाते रहे. 

-विनोद कुमार अग्रवाल 

इस एरिया में बीट का सफाईकर्मी नहीं लगा है। ऐसी जानकारी मेरे पास नहीं है। अगर ऐसा है तो जल्द ही इस प्रॉब्लम को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. 

-नगर आयुक्त